Hypersonic Missiles: नई दिल्ली। पाकिस्तान के साथ जारी तनाव के बीच रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने स्वदेशी स्क्रैमजेट इंजन का 1000 सेकंड से अधिक समय तक सफल ग्राउंड टेस्ट कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है. यह उपलब्धि भविष्य की हाइपरसोनिक मिसाइलों के विकास में मील का पत्थर साबित होगी.

DRDO की हैदराबाद स्थित रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (DRDL) ने 25 अप्रैल 2025 को नवनिर्मित अत्याधुनिक स्क्रैमजेट कनेक्ट टेस्ट फैसिलिटी (SCPT) में इस इंजन का सफल परीक्षण किया. परीक्षण के दौरान एक्टिव कूल्ड स्क्रैमजेट सबस्केल कॉम्बस्टर को लगातार 1000 सेकंड से अधिक समय तक परखा गया, जो अपने आप में एक बड़ी तकनीकी उपलब्धि है.
100% स्वदेशी तकनीक
DRDO के इस प्रोजेक्ट की खासियत यह है कि इसमें डिजाइन, सामग्री निर्माण और परीक्षण तीनों ही चरण पूरी तरह भारत में ही किए गए हैं. यह उपलब्धि “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” मिशन को मजबूती देने वाला एक बड़ा कदम है.
विशेषज्ञों के अनुसार, स्क्रैमजेट इंजन बेहद उच्च गति (हाइपरसोनिक स्पीड) पर कार्य करता है और इसकी सहायता से मिसाइलें पांच गुना से भी अधिक गति से अपने लक्ष्य पर हमला कर सकती हैं.
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