कासगंज. मैं पढ़ी-लिखी हूं. सरकारी टीचर हूं. अपने पैरों पर खड़ी हूं. मैं तो अपना निर्णय खुद लूंगी’ ये आखिरी शब्द उत्तर प्रदेश के जनपद कासगंज की सदर कोतवाली इलाके में मौजूद आवास विकास की पॉश कॉलोनी में रहने वाली सरकारी टीचर जूही यादव के थे. दरअसल जूही प्रेम विवाह करना चाहती थी इसी बात को लेकर बाप बेटी में तकरार हो गई. जिसका नजीता जूही और उसके पिता नरेंद्र सिंह यादव की मौत पर ख़तम हुआ.
बेटी ने पिता से कहा कि मैं अपने फैसले खुद ले सकती हुई. जिसकर सुन तैश में आए पिता ने सरकारी टीचर बेटी को गोली मारकर खुद भी की आत्महत्या कर ली. पिता ने ये खौफनाक कदम बेटी की लव मैरिज की जिद के कारण उठाया. फिलहाल पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है.
बता दें कि मैनपुरी जिले के रहने वाले नरेंद्र सिंह यादव कासगंज स्थित नगरिया में शेरवानी इंटर कॉलेज भौतिज्ञ विज्ञान के लेक्चरर थे. उन्होंने करीब 25 साल पहले कासगंज शहर के सदर कोतवाली इलाके में मौजूद आवास विकास कॉलोनी में ही अपना मकान बनवा लिया था.
परिवार में उनकी पत्नी शशि यादव, बेटी जूही यादव और एक बेटा था. बेटा फिलहाल नोएडा में एसएससी की तैयारी कर रहा है. जबकि बेटी जूही यादव कासगंज जिले के ही मिर्जापुर प्राइमरी स्कूल में टीचर थी. बताया जा रहा है कि अपनी पसंद से शादी की चाह रखने वाली जूही की ये बात पिता को पसंद नहीं थी. उन्होंने अपनी बेटी को काफी समझाया भी लेकिन बेटी अपने फैसले पर अड़ी रही.
जूही ने साफ शब्दों में अपने पिता को मां शशि के सामने जवाब देते हुए कहा था कि, ”मैं पढ़ी-लिखी हूं. मैं अपना निर्णय स्वयं लूंगी, क्योंकि अपने पैरों पर खड़ी हूं.” यह बात सुनकर पिता नरेंद्र यादव गुस्से में आ गए और अपने कमरे से लाइसेंसी रायफल निकालकर ले आए. जिसके बाद उन्होंने बेटी पर फायर कर दिया. जिससे मौत हो गई. उसके बाद पिता ने भी आत्महत्या कर ली.