रायपुर- भू राजस्व संहिता में हुए संशोधन के विरोध के खड़े सर्व आदिवासी समाज की ओर से सचिव स्तरीय वार्ता का बहिष्कार किए जाने के मामले में मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने कहा कि- इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर दिया गया है. खासतौर पर कांग्रेस इसे लेकर समाज के बीच भ्रम फैला रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि- हम चर्चा के लिए तैयार है. चर्चा के लिए सारे दरवाजे खुले है. समाज की हर शंका का समाधान है. उन्होंने कहा कि सर्व आदिवासी समाज के सामने किसी भी तरह की शंका है, तो मैं मुख्यमंत्री के नाते एक बार नहीं बार-बार बैठकर इसे दूर करने की कोशिश करूंगा. मेरे साथ बैठने से यदि समाधान निकलेगा तो मैं बैठ कर बात करूंगा. उन्हें बुलाकर चर्चा करूँगा.
डाॅ.रमन सिंह ने कहा कि- इस मुद्दे को लेकर दूसरे राजनीतिकरण कर रहे हैं, खासतौर पर कांग्रेस जो इसे लेकर भ्रम फैला रही है. कांग्रेस ये कहकर भ्रम फैला रही है कि कोई पूंजीपति आकर जमीन खरीद लेगी, कोई उद्योग आकर जमीन ले लेंगे, सरकार में बैठे लोग जमीन ले लेंगे. यह सही नहीं है. आदिवासियों की जमीन शासकीय प्रोजेक्ट के लिए ही ली जाएगी और वह भी उनकी सहमति से. मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी इलाकों में सड़क, नहर, बिजली लाइन खींचने जैसे कार्यों के लिए ही जमीन ली जाएगी. इससे विकास बस्तर और सरगुजा जैसे इलाकों में ही होगा. बांध वहां बनेगा, पुल वहां बनेगा तो उन इलाकों के लोगों को उसका फायदा होगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासियों की सहमति से उनकी जमीनों का अधिग्रहण यदि जल्दी होगा, तो उन्हें मुआवजा जल्दी मिलेगा. सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आएगी. डाॅ.रमन सिंह ने यह स्पष्ट किया है कि आदिवासियों से ली जाने वाली जमीनों का उपयोग सिर्प और सिर्फ सरकारी प्रोजेक्ट के लिए ही की जाएगी. सरकारी प्रोजेक्ट के लिए ही जमीन खरीदी जाएगी. निजी क्षेत्रों में उन जमीनों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.
संशोधित कानून को वापस लेने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि- अभी समाज के लोगों के बीच बैठकर चर्चा करेंगे. मिल बैठकर समाधान निकाला जाएगा.