नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए आगामी भारत-अमेरिका मिशन के लिए प्रमुख अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुना गया है, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने घोषणा की है.

जून 2023 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की आधिकारिक राजकीय यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका के बीच हस्ताक्षरित एक संयुक्त बयान में आईएसएस के लिए इसरो-नासा के संयुक्त प्रयास की परिकल्पना की गई थी.

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने शुक्रवार को कहा कि इसरो-नासा के संयुक्त प्रयास को आगे बढ़ाने के लक्ष्य की ओर, इसरो के मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र (एचएसएफसी) ने आईएसएस के लिए अपने आगामी एक्सिओम-4 मिशन के लिए नासा द्वारा पहचाने गए सेवा प्रदाता एक्सिओम स्पेस इंक, यूएसए के साथ एक अंतरिक्ष उड़ान समझौता (एसएफए) किया है.

राष्ट्रीय मिशन असाइनमेंट बोर्ड ने इस मिशन के लिए प्राइम और बैकअप मिशन पायलट के रूप में दो गगनयात्रियों की सिफारिश की है. इनमें ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (प्राइम) और ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर (बैकअप) शामिल हैं.

इसरो के बयान में कहा कि असाइन किए गए क्रू मेंबर्स को मल्टीलेटरल क्रू ऑपरेशंस पैनल (एमसीओपी) द्वारा अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर उड़ान भरने के लिए अंतिम रूप से मंजूरी दी जाएगी. इसरो ने कहा कि अनुशंसित गगनयात्री अगस्त के पहले सप्ताह से मिशन के लिए अपना प्रशिक्षण शुरू करेंगे.

मिशन के दौरान, गगनयात्री आईएसएस पर चयनित वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रौद्योगिकी प्रदर्शन प्रयोगों को अंजाम देगा और साथ ही अंतरिक्ष आउटरीच गतिविधियों में भी शामिल होगा. इस मिशन के दौरान प्राप्त अनुभव भारतीय मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए फायदेमंद होंगे और यह इसरो और नासा के बीच मानव अंतरिक्ष उड़ान सहयोग को भी मजबूत करेगा.

गगनयान परियोजना में 3 सदस्यों के दल को 3 दिवसीय मिशन के लिए 400 किलोमीटर की कक्षा में लॉन्च करके और उन्हें भारतीय समुद्री जल में उतारकर सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाकर मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता का प्रदर्शन करने की परिकल्पना की गई है.

इस साल फरवरी में, पीएम मोदी ने चार चुने हुए भारतीय वायु सेना के पायलटों के नामों की घोषणा की थी, ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला भारत के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम का हिस्सा होंगे. इसे 2024-25 में लॉन्च किया जाना है. चारों अंतरिक्ष यात्रियों को रूस के यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षित किया गया था.