चंद्रकांत देवांगन, दुर्ग। हर आदिवासी नक्सली नहीं होता लिखने से सरकार ने एक अधिकारी को निलंबित कर दिया है तो वहीं राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार साय ने भी अब आदिवासियों को लेकर आवाज उठाई है। साय का कहना है कि हर आदिवासी नक्सली है तो वे भी नक्सली हो गए हैं।
दरअसल नंद कुमार साय से छत्तीसगढ़ के दो अधिकारियों द्वारा सोशल मीडिया में आदिवासियों के पक्ष में पोस्ट किए जाने के बाद सरकार द्वारा उनके ऊपर कार्रवाई किए जाने को लेकर सवाल किया गया तो जिसके जवाब में साय ने कहा कि अगर हर आदिवासी नक्सली होता है तो हम भी नक्सली हो गए हैं।
नंद कुमार साय अनुसूचित जनजातियों के विकास के लिए संचालित योजनाएं, आरक्षण रोस्टर, अत्याचार निवारण आदि की समीक्षा बैठक में हिस्सा लेने दुर्ग पहुंचे थे जहां कलेक्ट्रेट में अधिकारियों की बैठक लेने के बाद वे पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे।
आपको बता दें कि रायपुर केन्द्रीय जेल की सहायक जेल अधीक्षक वर्षा डोंगरे ने बस्तर में आदिवासियों के ऊपर हो रहे पुलिसिया अत्याचार को लेकर फेसबुक में एक पोस्ट डाला था जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद बलौदाबाजार जेल के सहायक जेल अधीक्षक दिनेश ध्रुव ने भी “हर आदिवासी नक्सली नहीं होता ” के नाम से एक पोस्ट अपने फेसबुक पेज में साझा किया था। जिसके बाद उन्हें भी नक्सली समर्थक पोस्ट करने के आरोप में सरकार द्वारा निलंबित कर दिया गया था।
बहरहाल साय ने सीधे तौर पर उन अधिकारियों का समर्थन तो नहीं किया लेकिन खुद को नक्सली कहकर उन्होंने सरकार की इन कार्रवाईयों को लेकर जरुर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है।
देखिए वीडियो
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