नई दिल्ली। हैदराबाद एनकाउंटर को लेकर आम से लेकर खास तक दो भागों में विभाजित हो गए हैं. कई लोग दुष्कर्म जैसे अपराधों पर एनकाउंटर को जायज ठहरा रहे हैं तो कई इसे गलत ठहरा रहे हैं. ऐसे ही एक ट्वीट ने रेलवे में आईजीपी के पद पर पदस्थ IPS अधिकारी डी रुपा और छत्तीसगढ़ के कबीरधाम में कलेक्टर के पद पर पदस्थ IAS अधिकारी अवनीश शरण को आमने सामने ला दिया है. IPS डी. रुपा ने श्रीमद्भग्वदगीता के एक श्लोक को अपने ट्वीटर पर ट्वीट किया. आईपीएस के इस ट्वीट पर अवनीश शरण ने आपत्ति जताई. इसके बाद अवनीश शरण ने एक और ट्वीट कर छत्तीसगढ़ में पदस्थ एक IAS अधिकारी प्रियंका शुक्ला के ट्वीट को पोस्ट कर कहा कि ये भी एक महिला अधिकारी हैं. प्रियंका शुक्ला ने अपने ट्वीटर पर हैदराबाद एनकाउंटर को गलत ठहराया है.

IAS अवनीश शरण के आपत्ति जताने पर डी रुपा ने उन्हें संस्कृत को लेकर पूर्वाग्रही करार दे दिया. साथ ही कहा कि उन्होंने अपना ट्वीट किसी संदर्भ के साथ जोड़ा ही नहीं.

दरअसल डी रुपा ने अपने ट्वीटर पर ट्वीट किया, “परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्‌, धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे-युगे”. उनके इस ट्वीट को अवनीश शरण ने री-ट्वीट करते हुए लिखा, “आप जैसी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से यह आशा नहीं थी मैम, सॉरी”

IAS अधिकारी प्रियंका शुक्ला के ट्वीट का स्क्रीन शॉट लेकर अवनीश शरण ने एक और ट्वीट किया, उन्होंने कहा, “ये भी एक महिला अधिकारी ही हैं”


अवनीश शरण के ट्वीट पर पलटवार करते हुए आईपीएस डी रुपा ने ट्वीट किया, “यह संस्कृत के खिलाफ आपके पूर्वाग्रह को दर्शाता है. यहां धर्म का मतलब सही के साथ खड़ा होना है. कई जगह पुलिस विभाग का तो ‘दुष्ट शिक्षक, शिष्ट रक्षक’ सिद्धांत और लोगो है. इसका भी यही मतलब है, जो इस श्लोक में है. और मैंने तो इसे किसी संदर्भ के साथ जोड़ा ही नहीं है. सत्यमेव जयते.”

आपको बता दें हैदराबाद एनकाउंटर को लेकर IAS प्रियंका शुक्ला ने अपनी आपत्ति जताई थी और उसे गलत करार दिया था. उन्होंने ट्वीट कर कहा था, “ग़लत…बहुत ग़लत है और हमेशा ग़लत रहेगा …
कड़ी सज़ा के लायक रहेगा ..
पर ग़लत को ग़लत तरीक़े से
सज़ा देना भी क्या सही कहलायेगा ?
कहीं कल कोई इस का कुछ और ग़लत करने के लिए फ़ायदा न उठा ले ?”

बता दें IAS अवनीश शरण अपनी सादगी के लिए छत्तीसगढ़ में पहचाने जाते हैं वहीं डी रुपा को लेडी सिंघम के रुप में जाना जाता है.