पुरूषोत्तम पात्रा, गरियाबन्द। देवभोग के सरकारी मिडिल व हाईस्कूल में पढ़ाई के दौरान आईएएस चंद्रकांत वर्मा टॉपर रहे. पढ़ाई की शुरुआती नींव मजबूत होने पर वे आईएएस का सफर तय किया. अब जिला पंचायत सीईओ बनने के बाद उन्हें पहली बार देवभोग जाने का मौका मिला. वे निर्धारित दौरा कार्यक्रम के एक दिन पहले ही वहां पहुंच गए. और हाईस्कूल प्रांगण में समय बिताकर पुरानी यादे ताजा की. इस दौरान चंद्रकांत वर्मा भावुक भी हो गए.
चंद्रकांत वर्मा 2017 बैच के आईएएस हैं. उनकी प्रारंभिक शिक्षा देवभोग स्कूल में हुई थी. गरियाबंद जिला पंचायत सीईओ बनने के बाद रविवार को उनका पहला दौरा देवभोग जनपद में था, पर वे शनिवार की रात को ही यहां पहुंच रात्रि विश्राम किया. आज सुबह 6 बजे से उस स्कूल में पहुंचे जहां उनका बचपन बीता था.
चन्द्रकान्त स्कूल के प्रेयर ग्राऊंड के स्टेज पर पहुंचे, यहां खड़े होकर स्कूल की मॉनिटरिंग किया करते थे. उन्हें होनहार छात्र का तमगा हासिल था, इसलिए उन्हें मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी मिली थी. क्लास रूम, खेल मैदान, गार्डन तक घूम-घूम कर देखा.
चन्द्रकान्त ने कहा कि बेसिक शिक्षा मजबूत हुई तो आगे आसानी होती है. सफलता का श्रेय माता-पिता व गुरुजनों को दिया. वर्मा बोले कि देवभोग में जल्द ही अंग्रेजी मीडियम स्कूल खुलेगी. स्थानीय मांग के आधार पर दायरे में आने वाले कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा कराने की बात भी कही है.
जहां बचपन बीता उस सरकारी आवास में भी बिताया कुछ पल
पिता दाऊआ राम वर्मा 1995 में देवभोग थाने में पहले हवलदार फिर सहायक उपनिरीक्षक के पद पर पदस्थ थे. इसी दरम्यान कक्षा 6वीं से लेकर 10वीं तक की पढ़ाई चन्द्रकान्त वर्मा ने देवभोग स्कूल में रह कर पूरा किया था. दोपहर बाद दौरे से लौट कर देवभोग थाना प्रांगण भी घूमे, उस सरकारी आवास में भी कुछ पल बिताया, जहां वे बचपने में माता-पिता के साथ रहा करते थे.