शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश के आईएएस संतोष वर्मा ब्राम्हणों की बेटियों को लेकर दिए विवादित बयान के बाद से समाज समेत प्रदेश भर के लोगों के घेरे में हैं। उनका मामला अभी थमा नहीं था कि एक और आईएएस का वीडियो वायरल हो गया। जिसमें वह लोगों से खुद के बच्चों की जाति बताने की बात कह रही हैं। साथ ही सवर्ण समाज को जातिवादी मानसिकता का बताते हुए हमला बोला है।

अजाक्स को समाज तक ले जाने की बात

दरअसल, यह वीडियो अजाक्स की उसी साधारण सभा का है, जिसमें संतोष वर्मा ने ब्राम्हणों की बेटियों पर टिप्पणी की थी। इस कार्यक्रम में आईएएस मीनाक्षी सिंह ने कहा, ‘अजाक्स को सिर्फ संगठन तक नहीं बल्कि हमारे समाज तक जाना होगा। समाज को जोड़ने के लिए सबसे पहली हमारी धुरी हमारा परिवार है। हमारे बच्चों को बताना पड़ेगा कि हम आदिवासी हैं, हमारी जाति क्या है। जातिगत पहचान और जातिवादी होना आज के समय की सबसे बड़ी मांग है।’

‘सवर्ण समाज का सरनेम देखकर होता है पक्षपात’ 

आईएएस मीनाक्षी सिंह ने अपने भाषण में सवर्ण समाज पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि सवर्ण समाज का सरनेम देखकर लोग पक्षपात करते हैं। ये जातिवादी मानसिकता हमारे लिए जरूरी है। हम अपने लोगों को ढूंढें और उनकी मदद करें। 

यहां से शुरू हुआ था विवाद

दरअसल, 23 नवंबर 2025 को सेकंड स्टाप, तुलसीनगर स्थित अंबेडकर मैदान में अजाक्स संगठन का प्रांतीय अधिवेशन था। उस कार्यक्रम में अजाक्स के नवनिर्वाचित प्रांतीय अध्यक्ष और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा ने कहा, जब तक मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान नहीं देता या उससे संबंध नहीं बनता तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए।’

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