IAS Story: उत्तर प्रदेश विधानसभा (Uttar Pradesh Legislative Assembly) ने हाल ही में विशेषाधिकार हनन मामले में एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी सहित पांच पुलिसकर्मियों को एक दिन की जेल की सजा सुनाई थी. यह मामला 15 सितंबर 2004 को विधायक सलिल विश्वनोई को पीटने का था.
आरोपियों ने मांगी माफी
सदन ने दोषियों को अपना पक्ष रखने का मौका दिया। इस पर अब्दुल समद ने चरणपारश कहकर अपनी बात शुरू की। उन्होंने और ऋषिकांत ने कहा कि जाने-अनजाने अगर उनसे अपने दायित्वों के निर्वहन में कोई गलती हुई है तो वे हाथ जोड़कर क्षमा मांगते हैं. जनप्रतिनिधियों का हमेशा सम्मान किया गया है और आगे भी करते रहेंगे। उसकी गलती माफ कर देनी चाहिए। इस पर अध्यक्ष ने इस प्रस्ताव पर सदस्यों से बात की और सभी ने सजा का समर्थन किया.
यह घटना 15 सितंबर 2004 की है। कानपुर की जनरलगंज सीट के तत्कालीन विधायक सलित विश्नोई, जो हाल ही में विधान परिषद सदस्य हैं, ने बिजली आपूर्ति को लेकर धरना दिया था और अपने साथियों सहित डीएम को ज्ञापन देने जा रहे थे। . इसी दौरान रास्ते में बाबूपुरवा के तत्कालीन क्षेत्राधिकारी अब्दुल समद व अन्य पुलिसकर्मियों ने घेर कर मारपीट कर दी. अब्दुल समद ने कहा कि मैं बताता हूं, विधायक क्या होता है. आंदोलन कैसे किया जाता है? उनके साथ अभद्रता, गाली-गलौज, मारपीट व लाठीचार्ज किया, जिसमें विधायक के पैर की हड्डी टूट गई।
मामला विशेषाधिकार समिति के समक्ष आया। जांच व अवलोकन के बाद 28 जुलाई 2005 को समिति ने आरोपी सीओ अब्दुल समद, तत्कालीन थाना प्रभारी किदवई नगर कानपुर नगर ऋषिकांत शुक्ला, तत्कालीन उपनिरीक्षक त्रिलोकी सिंह, तत्कालीन आरक्षक छोटे सिंह, तत्कालीन थाना प्रभारी को नियुक्त किया. आरक्षक काकादेव विनोद मिश्र और उसी थाने के तत्कालीन आरक्षक। मेहरबान यादव को दोषी ठहराया गया था। यह सिलसिला चलता रहा और 27 फरवरी 2023 को समिति ने आरोपियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की अनुशंसा करते हुए उन्हें विधानसभा के समक्ष पेश होने को कहा.
शनिवार को सभी आरोपी सदन में पेश हुए। सदन ने सर्वसम्मति से इस निर्णय को अध्यक्ष सतीश महाना पर छोड़ दिया। स्पीकर ने सभी दोषियों को एक-एक दिन कैद की सजा सुनाई है। कहा कि दोषियों को मध्यरात्रि 12:00 बजे तक विधानसभा स्थित हवालात में रखा जाए। आरोपियों में अब्दुल समद घटना के समय क्षेत्राधिकारी पुलिस अधिकारी था लेकिन बाद में वह पीसीएस और आईएएस बनकर सेवानिवृत्त हो गया. मालूम हो कि उस वक्त इस प्रदर्शन में सतीश महाना भी मौजूद थे.
कौन है वह आईएएस अधिकारी ?
आइए जानते हैं कौन है वह आईएएस अधिकारी, जिसे यूपी विधानसभा में पुलिसकर्मियों के साथ एक दिन जेल में बिताना पड़ा. यूपी विधानसभा में सजा देने का मामला करीब 58 साल बाद हुआ है.
यूपी विधानसभा की जेल में एक दिन बिताने वाले पूर्व आईएएस अधिकारी अब्दुल समद यूपी के पहले पीसीएस अधिकारी थे. 2004 में कानपुर में विधायक सलिल विश्वनोई के साथ बदसलूकी के वक्त अब्दुल समद क्षेत्राधिकारी यानी सीओ थे.
अब्दुल समद 2009 में IAS बने
अब्दुल समद वर्ष 2009 बैच के आईएएस अधिकारी थे. उन्हें मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कार्यकाल में पीसीएस से पदोन्नत कर विशेष सचिव उच्च शिक्षा विभाग, यूपी बनाया गया था. इससे ठीक पहले वे नगर निगम, गाजियाबाद नगर आयुक्त के पद पर थे.
आजम खां के खास थे अब्दुल समद
पूर्व आईएएस अधिकारी अब्दुल समद को सपा सरकार में शहरी विकास मंत्री रहे आजम खां का करीबी माना जाता है. समद की गिनती सपा सरकार के दौरान कद्दावर अफसरों में होती थी. वह मिड डे मील अथॉरिटी में निदेशक भी रह चुके हैं.
भ्रष्टाचार और विवादों से गहरा नाता
पूर्व आईएएस अब्दुल समद का भ्रष्टाचार और विवादों से भी गहरा नाता रहा है. समद पर सपा सरकार के दौरान मनमाने फैसले लेने के भी आरोप लगे थे. गाजियाबाद के नगर निगम आयुक्त के कार्यकाल के दौरान उनका नाम डस्टबिन घोटाला, कंप्यूटर खरीद घोटाला आदि के कारण चर्चा में रहा.
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