लखनऊ. उत्तर प्रदेश में आईएएस अफसरों को अपनी संपत्ति का ब्योरा देने में हमेशा टाल–मटोल वाला रवैया अब भारी पड़ने वाला है। ऐसे ब्यूरोक्रेट्स की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। दरअसल केंद्र सरकार ने प्रतिनियुक्ति या संवेदनशील पदों पर तैनाती देने के लिए अफसरों को ऑनलाइन अपनी संपत्ति का ब्योरा देना अनिवार्य कर दिया है। इस संबंध में सचिव‚ कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग और कार्मिक लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय ने यूपी सरकार को पत्र भेजा है.
भेजे गए इस पत्र में कहा गया है कि ऑनलाइन जानकारी न होने की वजह से विजिलेंस क्लीयरेंस नहीं मिल पा रही है। इसके बाद नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग ने यूपी में तैनात सभी आईएएस अफसरों का ब्योरा मांगा है. सभी आईएएस अफसरों को 31 जनवरी तक अपनी अचल संपत्ति का ब्योरा ऑनलाइन देना होगा.
विशेष सचिव संजय कुमार सिंह ने इस संबंध में सभी विभागाध्यक्षों को पत्र भेज दिया है। इसमें उन्होंने अध्यक्ष राजस्व परिषद‚ कृषि उत्पादन आयुक्त (एपीसी)‚ सभी अपर मुख्य सचिव‚ प्रमुख सचिव‚ मण्ड़लायुक्त‚ जिलाधिकारी व आईएएस अफसरों नाम से व्यक्तिगत भी सर्कुलर भेजा गया है। इसके बाद अब ऑन लाइन सम्पत्ति का ब्योरा न देने वाले आईएएस के समक्ष ये मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं.
ऑनलाइन भरना है विवरण न देने पर आ सकती है समस्या
विशेष सचिव के सर्कुलर में कहा गया है कि अखिल भारतीय सेवा नियमावली–1968 के तहत अचल संपत्ति की 2020 की वार्षिक जानकारी ऑनलाइन भरना अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसा न करने पर इमपैनलमेंट‚ प्रतिनियुक्ति‚ संवेदनशील पदों पर नियुक्ति पूर्ण किए बिना मूल कैडर में वापसी में समस्या आ सकती है.
पत्र में साफ कहा गया है कि जो अधिकारी 31 जनवरी तक अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं देते हैं‚ उन अफसरों को ऑफर लिस्ट‚ इम्पैनलमेंट या प्रतिनियुक्ति‚ संवेदनशील पदों पर नियुक्ति के लिए विजिलेंस क्लीयरेंस देने से मना किया जा सकता है. विशेष सचिव संजय कुमार सिंह ने सभी विभागाध्यक्षों को भेजे पत्र में कहा है कि अचल संपत्ति की 2020 की वार्षिक जानकारी ऑनलाइन भरना अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसा न करने पर इमपैनलमेंट‚ प्रतिनियुक्ति‚ संवेदनशील पदों पर नियक्ति पूर्ण किए बिना मूल कैडर में वापसी में समस्या आ सकती है.