शिवम मिश्रा, रायपुर। आईएएस समीर विश्नोई समेत तीन अन्य को विशेष अदालत ने 8 दिनों की रिमांड पर भेज दिया है. कोयला कारोबार में वित्तीय लेन-देन और मनी लॉड्रिंग की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने IAS समीर विश्नोई, कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल और फरार चल रहे सूर्यकांत तिवारी के चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी को कोर्ट में पेश किया था. माना जा रहा है कि रिमांड के दौरान ईडी पूछताछ के जरिए कई खुलासे कर सकती है.

स्पेशल कोर्ट ने अपने आदेश में आरोपियों के वकीलों को हर 2 दिन में एक बार केवल 1 घंटे के लिए मुलाकात करने की अनुमति दी है. वकील अपने मुवक्किल से 1 घंटे मिल सकेंगे.

ईडी को मिला ये निर्देश

साथ ही अरोपियों से पूछताछ के बीच वकील अपने मुवक्किल को देख और सुन सकते हैं. कोर्ट ने ईडी को निर्देशित किया है कि भविष्य में अपने फाइल को पूरी तरह तैयार कर लाया जाए. प्रॉपर नम्बरिंग पेज और फाइल तैयार कर डेस्क में जमा किया जाए.

ईडी के वकील का खुलासा-

ईडी के वकील रमाकांत मिश्रा ने कहा कि कोर्ट ने 8 दिन के रिमांड का ऑर्डर दिया है. समीर विश्नोई के पास से 47 लाख रुपये कैश, 4 किलो गोल्ड और डायमंड मिले हैं. लक्ष्मीकांत तिवारी के पास 1.5 करोड़ के आस-पास की संपत्ति की जानकारी मिली है. वहीं सुनील अग्रवाल ने सूर्यकांत तिवारी के साथ मिलकर इंड्रस्ट्री पर्चेस की है.

अपर सत्र न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत की विशेष अदालत में सुनवाई के दौरान ईडी ने दो दिनों तक चली कार्रवाई के बाद चारों आरोपियों के ठिकानों से नगद सहित बरामद अन्य सामग्रियों की जानकारी दी. वहीं दूसरी ओर आईएएस समीर बिश्नोई के वकील एसके फरहान, लक्ष्मीकांत तिवारी के वकील फैजल रिजवी और कारोबारी सुनील अग्रवाल के वकील विजय अग्रवाल ने अपनी दलील पेश की.

लक्ष्मीकांत तिवारी के वकील फैजर रिजवी ने मीडिया से चर्चा में बताया कि ईडी ने 8 दिन की कस्टडी मांगी है, हमने उसका विरोध किया है. आईटी रेड पहले हुई थी, जो भी मिला है वह इनकमटैक्स में मिला है. वह ED के शेड्यूल ऑफेंस में नहीं आता है. वकील ने गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताते हुए कहा कि बेस पर उन्होंने (ED) गिरफ्तारी की है उसकी जानकारी अभी दी जाएगी. जितने भी कैश मिले, सभी आईटी की कार्रवाई में मिले है.

सुनील अग्रवाल के वकील विजय अग्रवाल ने बताया कि हमने रिमांड पर विरोध जताया है. ED ने जो तरीका अपनाया वह गलत है. जो गिरफ्तार किया है, वह भी गैर कानूनी है. यह आईटी का मामला है ईडी का नहीं. आईटी के कार्रवाई में कैश मिले थे, उस पर ईडी ने कैसे कार्रवाई कर दी. हमने गिरफ्तारी का विरोध किया है.

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