नई दिल्ली। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने क्रिकेट के नियमों में कई अहम और व्यापक बदलावों को मंजूरी दी है, जो 2 जुलाई 2025 से लागू होंगे। इन बदलावों का असर टेस्ट, वनडे और टी20 तीनों फॉर्मेट पर पड़ेगा। खास बात यह है कि इन नए नियमों से खिलाड़ियों की चालाकियों पर लगाम लगेगी और खेल को अधिक पारदर्शी और तेज़ बनाने की कोशिश की गई है।
1. टेस्ट क्रिकेट में भी लागू होगा स्टॉप क्लॉक नियम
टी20 और वनडे के बाद अब टेस्ट मैचों में भी स्टॉप क्लॉक का नियम लागू होगा। फील्डिंग टीम को एक ओवर समाप्त होने के एक मिनट के भीतर अगला ओवर शुरू करना होगा। ऐसा न करने पर दो बार चेतावनी दी जाएगी, इसके बाद हर बार टीम पर 5 रन की पेनाल्टी लगाई जाएगी। यह नियम फिलहाल 2025–27 की वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के दौरान लागू रहेगा।
2. जानबूझकर शॉर्ट रन पर लगेगा जुर्माना और बदलेगी स्ट्राइक
बल्लेबाज अगर जानबूझकर रन पूरा किए बिना एक्स्ट्रा रन चुराने की कोशिश करता है, तो अंपायर पहले फील्डिंग टीम से पूछेंगे कि अगली गेंद पर कौन बल्लेबाज स्ट्राइक पर होगा। साथ ही, बल्लेबाज की टीम पर 5 रन की पेनाल्टी भी लगेगी। यह तब ही लागू होगा जब अंपायर को लगे कि बल्लेबाज का इरादा जानबूझकर गलत रन लेने का था।
3. गेंद पर सलाइवा लगाने पर नहीं बदलेगी गेंद
अब अगर गेंद पर लार (सलाइवा) का इस्तेमाल पाया गया, तो गेंद को तुरंत नहीं बदला जाएगा। अंपायर अपनी समझ से तय करेंगे कि गेंद की हालत में कोई बड़ा बदलाव हुआ है या नहीं। इस फैसले का मकसद यह है कि टीमें जानबूझकर गेंद को बदलवाने के लिए लार का दुरुपयोग न करें।
4. DRS के नियमों में भी संशोधन
अब अगर कोई बल्लेबाज कैच आउट दिए जाने पर DRS लेता है और अल्ट्राएज दिखाता है कि गेंद बल्ले से नहीं लगी बल्कि पैड से टकराई, तो टीवी अंपायर LBW की भी जांच करेगा। अगर ट्रैकिंग में बल्लेबाज आउट पाया जाता है, तो उसे पवेलियन लौटना पड़ेगा। पहले इस स्थिति में LBW को “नॉट आउट” ही माना जाता था।
5. दो अपील होने पर पहली घटना ही मानी जाएगी अंतिम
अब अगर एक ही गेंद पर दो अलग-अलग तरीके से आउट की अपील होती है (जैसे LBW और रनआउट), तो टीवी अंपायर पहली घटना की ही जांच करेगा। अगर पहली घटना में बल्लेबाज आउट करार दिया गया, तो गेंद वहीं डेड घोषित हो जाएगी और दूसरी अपील की जांच नहीं होगी।
6. कैच पर तीसरे अंपायर की जांच अब नो बॉल में भी
पहले अगर गेंद नो-बॉल थी, तो कैच की वैधता की जांच नहीं होती थी। अब अगर नो बॉल फेंकी गई है, फिर भी तीसरा अंपायर कैच वैध था या नहीं, यह जांचेगा। अगर कैच सही है तो बल्लेबाज आउट नहीं होगा, लेकिन टीम को केवल एक अतिरिक्त रन मिलेगा। अगर कैच वैध नहीं है, तो बल्लेबाज को रन मिलेंगे।
7. डेथ ओवर्स में सिर्फ एक ही गेंद का होगा इस्तेमाल
वनडे क्रिकेट में अब 35वें ओवर के बाद नई गेंद नहीं ली जा सकेगी। यानी पारी की शुरुआत में इस्तेमाल हुई गेंद ही पूरे 50 ओवर चलेगी। इससे डेथ ओवर्स में गेंदबाजों को स्विंग और रिवर्स स्विंग में मदद मिलेगी, जिससे रन बनाना आसान नहीं रहेगा।
8. बाउंड्री के बाहर से कैच पर कड़ा नियम
अब कोई फील्डर अगर बाउंड्री के बाहर खड़ा होकर गेंद को किसी भी तरह छूता है, तो वह अवैध माना जाएगा। गेंद को केवल एक बार बाउंड्री के बाहर से अंदर उछालकर कैच पकड़ा जा सकता है।
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