स्पोर्ट्स डेस्क। मौजूदा क्रिकेट विश्व कप (ICC Cricket World Cup 2023) में भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी (Indian pacer Mohammed Shami) ने घातक गेंदबाजी किया है. टूर्नामेंट के शुरुआती चार मैचों में भारत के अंतिम एकादश में जगह नहीं बना सके. शमी ने चोटिल हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) की जगह टीम में शामिल किए जाने के बाद से अपनी गेंदबाजी से आग उगल रहे हैं. उन्होंने अब तक मौजूदा टूर्नामेंट के छह मैचों में सर्वाधिक 23 विकेट लिए हैं. दूसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलिया के एडम जाम्पा (Australian Spinner Adam Zampa) हैं, जिन्होंने 10 मैचों में 22 शिकार किए हैं. शमी को शाम में गेंद को दोनों ओर घुमाने की क्षमता ने घातक गेंदबाज बना दिया है. उनकी गेंदबाजी को लेकर उनके बचपन के कोच ने बड़ा खुलासा किया है. Read More – Cricket : हार्दिक पंड्या के प्रशंसकों के लिए बुरी खबर, भारत का स्टार ऑलराउंडर अगले 2 महीने तक क्रिकेट से दूर रहेंगे …

बता दें कि, शमी उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले (Muradabad, UP) के शासापुर से आते हैं. उनके बचपन के कोच मोहम्मद बदरुद्दीन (Mohammed Badruddin) ने खुलासा किया है कि कैसे शमी हमेशा से एक बहादुर गेंदबाज रहे हैं और उन्होंने एक बार उनको क्रॉस सीम से गेंदबाजी करने की भी सलाह दी थी. लेकिन कम बोलने वाले शमी को भी इस सलाह पर गुस्सा आ गया था. बदरुद्दीन ने कहा कि उन्होंने मुझे घूरा और मुझसे कहा कि ये क्रॉस सीम डरपोक डालते हैं. मेरी ताकत सीम है और मैं उससे समझौता नहीं करूंगा.

शमी के कोच ने कहा कि वह कभी भी क्रॉस-सीम का उपयोग नहीं करते हैं. यहां तक कि अगर उनकी गेंदों की पिटाई भी होती है, तब भी वह अपनी सीम पोजीशन से समझौता नहीं करते हैं. बदरुद्दीन का कहना है कि 2020 में लॉकडाउन के दौरान शमी ने अपनी सफेद गेंद से गेंदबाजी पर काम करना शुरू किया. उन्होंने कहा कि हर सुबह, वह छह सफेद गेंदों को पानी से भरी बाल्टी में रखते थे. उस दौरान उन्होंने अपने फार्महाउस पर फ्लडलाइट वाली क्रिकेट पिच तैयार की थी. वह रात में लगातार तीन से चार घंटे तक उन गीली गेंदों से गेंदबाजी करते थे. शमी को सफेद गेंद में महारत हासिल करने में तीन वर्ष लग गए.