कुमार इंदर,जबलपुर। शहर में कोरोना जांच के नाम पर निजी पैथालॉजी सेंटर्स का बड़ा गोरखधंधा सामने आया है। शहर में पैथोलॉजी सेंटर्स के जरिए बड़ी संख्या अवैध तरीके से कलेक्शन सेंटर्स संचालित किए जा रहे थे जो बिना एनएबीएल सर्टिफिकेट के चंद घंटों में ही आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट भी दे देते थे. स्वास्थय विभाग की जांच में इस गोरखधंधे का खुलासा हुआ है। जिसके बाद स्वास्थय विभाग ने शहर में अलग-अलग पैथलैब्स के 62 कलेक्शन सेंटर्स के एसआरएफ आईडी यानि स्पेशल रिफ्रेंस फॉर्म आईडी ब्लॉक कर दिए हैं.
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से स्वास्थय विभाग को शहर में मनमाने पैसे लेकर चंद घंटों में आरटीपीसीआर रिपोर्ट देने वाले सेंटर्स की शिकायतें मिल रही थीं. इस पर जब स्वास्थ्य विभाग ने जांच करवाई तो पता चला कि, पैथोलॉजी लैब्स के कई अवैध कलेक्शन सेंटर्स शहर में चल रहे हैं. इसमें एसआरएल लैब ने अपने सिर्फ 4 सेंटर्स चलाने की जानकारी दी थी लेकिन जबलपुर में इस लैब के नाम पर 36 कलेक्शन सेंटर्स चल रहे थे.
इतना ही नहीं शहर की यादव कॉलोनी में राघव मेडिकल स्टोर नाम की एक मेडिकल शॉप में भी बिना मान्यता के चंद घंटों में आरटीपीसीआर रिपोर्ट देने का गोरखंधा चल रहा था. फिलहाल स्वास्थ्य विभाग ने 62 सेंटर्स की आईडी ब्लॉक करते हुए अवैध ढंग से रिपोर्ट देने वाले सेंटर्स और मेडिकल शॉप को सील करने के भी निर्देश दिए हैं.
बताया जा रहा है कि पैथोलॉजी लैब्स और उनके कलेक्शन सेंटर्स की ये जांच पहली बार सिर्फ जबलपुर में की गई है. जबलपुर संभाग के क्षेत्रीय स्वास्थ्य संचालक डॉक्टर संजय मिश्रा का कहना है कि संभाग के सभी जिलों में अवैध सेंटर्स पर कार्यवाई करवा रहे हैं.
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