सत्या राजपूत, रायपुर। राजधानी रायपुर में भगवान के साथ इंसानी छल देखने को मिला है.भगवान गणेश की जिन प्रतिमाओं की लोगों ने 10 दिन तक पूजा-अर्चना की, उनको सरकारी लचर सिस्टम की वजह से अपमान झेलना पड़ा. ये हम नहीं सोशल मीडिया पर वायरल हुईं तस्वीर और वीडियो कह रहे हैं, जो भगवान के साथ इंसानी छल का सबूत दे रहे हैं. मिली जानकारी के मुताबिक ये तस्वीरें रायपुर के महादेव घाट की हैं, जहां कुछ कर्मचारी गणपति बप्पा के मूर्तियों की अपमान कर रहे हैं, विसर्जन कुंड में बेतरतीब तरीके से फेंक रहे हैं.
नगर पालिका निगम ने कचरा गाड़ी में गणेश विसर्जन की बात को लेकर खंडन जारी किया है. उसमें स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि कोई भी गणेशजी की मूर्ति कचरा गाड़ी से नहीं लाया गया है. जो ख़बर दिखाई जा रही है कि कचरा गाड़ी में मूर्ति है, मूर्ति विसर्जन के लिए लाकर अपमान किया गया है. इसका हम खण्डन करते हैं.
हालांकि खंडन में मूर्ति का अपमान का कोई ज़िक्र नहीं है, जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें विसर्जन कार्य में लगे कर्मचारी मूर्ति को गाड़ी से ग़लत तरीक़ा से विसर्जित करते नज़र आ रहे हैं.
वहीं दूसरी ओर निगम के जारी पत्र में बताया गया है कि विसर्जन कार्य में लगे तीन कर्मचारियों को तत्काल निलंबित किया गया है. इस मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की गई है, जो जांच के बाद रिपोर्ट सौंपेगी.
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