अगर आप 10 साल तक इंतजार नहीं कर सकते तो आप शेयर बाजार में 10 मिनट के लिए भी न रुकें. यह शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले हर निवेशक पर लागू होता है. अगर आपका पैसा अच्छे स्टॉक में लगा है तो इंतजार का फल इतना मीठा होगा कि आप उसकी कल्पना भी नहीं कर सकते. आप हजारपति से करोड़पति या अरबपति भी बन सकते हैं.

जानिए Multibagger Wipro के शेयर के बारे में

साल 1980 में विप्रो स्टॉक में जिसने भी केवल 10 हजार रुपये का निवेश किया होगा, उसका यह 10 हजार आज कंपनी द्वारा दिए गए सभी बोनस Share और Split के हिसाब से आज करीब 900 करोड़ हो गए होते. वह भी तब जब इसमें कंपनी द्वारा समय-समय पर दिया गया डिविडेंड शामिल नहीं है. नीचें समझिए इसका गणित.

फाइनेंशियल एक्सपर्ट के मुताबिक 42 साल पहले 1980 में विप्रो के शेयर की कीमत लगभग 100 रुपये थी, लेकिन अब 468 रुपये है. कंपनी शेयर Split करती गई और साथ में बोनस भी देती रही. इसका असर ये हुआ कि 1980 में जिसने 100 शेयर लिए थे, उसके पास बिना एक भी पैसा लगाए 25536000 शेयर होंगे. हालांकि शायद ही कोई निवेशक होगा, जो एक स्टॉक में इतने साल टिका रहा हो.

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जानें कैसे 10,000 बन गए 899 करोड़

1980 में विप्रो के शेयरों में 10,000 रुपये लगाने वाले निवेशक को विप्रो कंपनी के 100 शेयर मिले. बोनस Share और Split के बाद 100 Share बढ़कर 25536000 शेयर हो गए. अब विप्रो के शेयर की कीमत 468 रुपये है, यानी अब उस 10000 रुपये की कीमत 468×25536000 = 8,99,19,36,000 हो गई है.

एक्सपर्ट कहते है कि Share Market में पैसा लगाने वाले अधिकतर निवेशकों में धैर्य की कमी होती है. अगर पैसा डेढ़ गुना भी बढ़ा तो मुनाफा वूसली कर लेते हैं और घटा तो बेचकर स्टॉक से निकल लेते हैं. विप्रो ही नहीं आप Eicher, Symphony, Natco Pharma or Ajanta Pharma या फिर किसी और अच्छे स्टॉक में इतना समय दिए होते तो करोड़पति होते.

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‘आलमनेर’ करोड़पतियों का शहर

विप्रो एक बड़ी आईटी कंपनी है. हालांकि, विप्रो साबुन और वनस्पति तेल के कारोबार में भी है. विप्रो की शुरुआत 1945 में महाराष्ट्र में स्थित ‘आलमनेर’ नामक गांव में हुई थी. इस गांव में आज हर कोई करोड़पति है. हर परिवार के पास विप्रो कंपनी के शेयर हैं, यहां विप्रो कंपनी के कुछ शेयर बच्चे के पैदा होते ही उसके लिए खरीद लिए जाते हैं. गांव को ‘करोड़पतियों का शहर’ भी कहा जाता है.