ऐसी कई धार्मिक मान्यताएं हैं जिनके बारे में अक्सर सुनने को मिल जाता है। ऐसी ही एक मान्यता है कि ठोकर लगा पानी नहीं पीना चाहिए, यानी कि अगर पानी की बोतल या गिलास पर पैर पड़ जाए या पैर उससे छुव जाए तो उस पानी को नहीं पीना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि इस तरह का पानी पीने से न सिर्फ अशुभता जीवन में आती है बल्कि स्वास्थ्य भी बिगड़ने लगता है। ऐसे में आज हम आपको बताते हैं कि आखिर क्या है इसके पीछे का असल कारण।

क्या पैर से ठोकर लगा पानी नहीं पीना चाहिए?

  1. शास्त्रों में ऐसा बताया गया है कि जिस भी वस्तु को ठोकर लग जाए वह राहु के हिस्से चली जाती है। एस एमें उस वस्तु का इस्तेमाल करने से राहु का बुरा असर उस व्यक्ति पर दिखने लगता है.
  2. ठीक ऐसे ही अगर पीने के पानी पर पैर की ठोकर लग जाए तो उस पानी को नहीं पानी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि अगर उस पानी को पिया जाए तो उससे नकारात्मकता शरीर में प्रवेश करती है.
  3. इतना ही नहीं, उस नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव से आपके शरीर में बदलाव आने लगते हैं, या तो आपका स्वास्थ्य बिगड़ने लगता है या आपको भारी तनाव महसूस होना शुरूहो जाता है.
  4. राहु के दुष्प्रभाव के कारण आपकी मानसिक शांति भंग होती है और यहान कि आपके शरीर में अजीब से थकान जन्म लेने लगती है जिसकी वजह से आप ऊर्जावान महसूस नहीं कर पाते हैं.
  5. ठोकर लगा पानी इसलिए भी नहीं पीना चाहिए क्योंकि ऐसा माना जाता है कि उस पानी को पीने से आप राहु की अशुभता को स्वीकार करते हो, जिसके कारण अन्य ग्रह अशांत हो जाते हैं.
  6. यहां तक कि सिर्फ पीने वाला पानी ही नहीं बल्कि नहाने वाला पानी हो या पौधों में डालने वाला पानी या किसी अन्य इस्तेमाल के लिए पानी हो, उसका उपयोग करना वर्जित माना गया है।