क्या आपका बच्चा भी प्री-स्कूल (pre-school) की उम्र में है? अगर हां तो ये समय उसके विकास के लिए खास अहमियत रखता है. स्कूल के पहले चरण में कदम रखने के साथ बच्चा (Child) नई चीजों के बारे में सिखता है. प्री-स्कूल केवल, बच्चे (Children) को शिक्षा देने के लिए नहीं बल्कि उसके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण स्टेज मानी जाती है.
बच्चे का दिमाग तेज करने के लिए विकास के 5 चरण जरूरी होते हैं. जैसे शारीरिक विकास, मानसिक विकास, भाषा का विकास, सामाजिक-भावनात्मक विकास और फाइन मोटर स्किल्स. इन 5 चरणों में विकास पर गौर करेंगे, तो अपने बच्चे को होशियार और स्मार्ट बना सकते हैं. जानते हैं माता-पिता बच्चे के विकास में कैसे बन सकते हैं भागीदार.
शारीरिक विकास
प्री-स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए शारीरिक विकास जरूरी है. इस दौरान बच्चों का वजन भी बढ़ता है और उनकी हाइट भी बढ़ती है. इस दौरान बच्चे का शारीरिक विकास करने के लिए आप उसे साइकिल चलाना सिखा सकते हैं. बच्चे को बॉल के साथ खिला सकते हैं. बच्चे के साथ सुबह वॉक पर जा सकते हैं. इस दौरान बच्चे की हड्डियों का भी विकास होता है इसलिए उसे हेल्दी डाइट दें. बच्चे की डाइट में प्रोटीन, कैल्शियम, सब्जियां, फल, साबुत अनाज आदि शामिल कर सकते हैं.
मानसिक विकास
इस उम्र में बच्चे अपने आसपास नई चीजों को देखकर उत्सुकता से भर जाते हैं. वहीं कुछ बच्चों को डर और तनाव भी महसूस होता है. ये उम्र मानसिक विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं. इस दौरान अच्छे और बुरे अनुभव व्यक्ति को आगे लाइफ में खुशी दे सकते हैं या परेशान कर सकते हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए बच्चे से बात करें. उसकी समस्याओं का समाधान निकालें. बच्चे के हर सवाल का जवाब दें. बच्चे का मानसिक विकास करने के लिए उसके साथ ब्रेन गेम्स या पजल्स खेल सकते हैं.
फाइन मोटर स्किल्स
4 से 6 उम्र के बच्चों को फाइन मोटर स्किल्स सिखाने के लिए हाथों का प्रयोग करना सिखाएं. उन्हें क्ले से खेलने दें ताकि बच्चे अलग-अलग शेप्स बनाएं. इसके अलावा बच्चे वैक्स कलर्स या ब्लॉक्स का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. बच्चों को कपड़ों को फोल्ड करना सिखा सकते हैं. इसके अलावा खुद खाना, नहाना या कंघी करने जैसी एक्टिविटी भी बच्चे को सिखा सकते हैं.
सामाजिक-भावनात्मक विकास
प्री-स्कूल जाने वाले बच्चों का सामाजिक विकास तभी होता है जब वे बाहर जाकर अन्य लोगों से मिलते हैं. जैसे उसकी उम्र के अन्य बच्चे, टीचर आदि. इस दौरान बच्चों को स्कूल जाने के लिए प्रेरित करें. ये वो समय होता है जब बच्चे भाव समझना शुरू करते हैं. इस दौरान उन्हें अलग-अलग लोगों से मिलने का मौका दें और स्कूल में बिताए समय के बारे में पूछें.
भाषा का विकास
4 से 6 साल की उम्र में बच्चे शब्दों की आवाज समझता है और उन्हें पढ़ना सीख सकता है. इस उम्र में बच्चे ये भी सीखते हैं, कि आवाजों को शब्दों के साथ कैसे जोड़ा जाता है. इस दौरान आप उन्हें कहानियां सुनाएं और आसान शब्दों का उच्चारण सिखाएं. बोर्ड गेम्स की मदद से भी आप बच्चों को 2 से 3 अक्षर वाले शब्द सिखा सकते हैं.