नए श्रम कानून का इंतजार पूरे देश को है. इन कानूनों के लागू होने के बाद मालिक और कर्मचारी दोनों के लिए नियम काफी बदल जाएंगे. जिसमें टेक होम सैलरी, ईपीएफ अकाउंट में कंट्रीब्यूशन, एक कैलेंडर वर्ष में अवेलेबल पेड लीव के नंबर की कैलकुलेशन और एक सप्ताह में अधिकतम काम के घंटे शामिल हैं. चार लेबर कोड में से एक में कर्मचारियों की छुट्टियों को लेकर भी गाइडलाइंस दी गई हैं. श्रम कानूनों में बड़े बदलाव के संकेत मिल रहे हैं. ऐसा हुआ तो कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारी को बड़ी खुशखबरी मिल सकती है.

भारत में लंबे समय से लेबर कोड नियमों को लागू करने की मांग की जा रही है. चार श्रम कानून संसद से पास हो चुके हैं और नोटिफाई भी किए जा चुके हैं, इन लेबर कानूनों को केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्यों संहिताओं से भी पारित करना बाकी है. इसके बाद भी यह पूरे देश में एक समान लागू हो पाएगा. ऐसा होता है तो नये लेबर कानूनों में 30 दिन के बाद की छुट्टी पर एक्स्ट्रा पैसे के अलावा कर्मचारियों को दो दिन के अलावा 3 दिन की छुट्टी मिलेगी. मगर बाकी हफ्ते के दिनों में काम के घंटे बढ़ जाएंगे.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य स्थिति संहिता (OSH कोड), 2020 के अनुसार, एक कर्मचारी को एक कैलेंडर ईयर में 30 दिनों से अधिक का पेड लीव नहीं बचा रहना चाहिए. अगर कर्मचारी के पास 30 दिनों से अधिक का पेड लीव (Paid Leave) है, तो कंपनी को 30 दिनों से अधिक के लिए अतिरिक्त भुगतान करना होगा. इस कानून को लाने के पीछे सरकार का मकसद ये है कि लोगों को साल में कम से कम एक निश्चित छुट्टी मिल सके और उनके लिए काम करने के लिए बेहतर वर्किंग कंडीशन कोड लागू किया जा सके. चार नये श्रम कानूनों में बदलाव के बाद कर्मचारियों को कंपनी से 30 दिन से अधिक छुट्टी होने पर एक्स्ट्रा पैसे मिलेंगे. अगर नए लेबर कानून लागू हो जाते हैं तो ऐसे में 30 दिन से ज्यादा छुट्टी बची होने पर कंपनी एंप्लाई को एक्स्ट्रा पैसे देगी.

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