हेमंत शर्मा रायपुर। लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों के तमाम परेशानियों को झेलते हुए सैकड़ों किमी पैदल चलकर घर पहुंचने का क्रम जारी है. ऐसा ही नजारा राजधानी के पचपेड़ी नाका में देखने को मिला, जहां आंध्रप्रदेश के गुंटूर जिले से पैदल चलते हुए पति-पत्नी पहुंचे थे. चलते-चलते महिला के पैर में फफोले पड़ गए थे. इनकी हालत देखकर सामाजिक संस्था के लोगों ने मेकाहारा में भर्ती कराया है.
कवर्धा के वार्ड 18 में रहने वाली चंदा बघेल अपने पति विनोद बघेल के साथ आंध्रप्रदेश के गुंटूर जिले मजदूरी का काम करती है. लॉकडाउन में रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया, और जब कोई विकल्प नहीं मिला तो घर वापसी का मन बनाया. लेकिन घर आने के लिए कोई साधन नहीं होने की वजह से पति-पत्नी ने छह दिन पहले पैदल ही घर की ओर निकल पड़े.
रास्ते में बीच में इन्हें सिर्फ 60-70 किमी तक ही वाहन मिला था. बड़ी मुश्किल से रायपुर के पचपेड़ीनाका पहुंचे, जहां इनकी हालत देख समर्थ संस्था के लोगों ने जिला प्रशासन की सहयोग से एम्बुलेंस के जरिए मेकाहारा ले गए. अस्पताल में उनका उपचार किया जा रहा है, फिर इन्हें एम्बुलेंस या प्राइवेट वाहन से इनके घर कबीरधाम भेजा जाएगा.
समर्थ संस्था की मंजीत कौर बल ने बताया कि बघेल दंपती आंध्रप्रदेश से होते हुए कांकेर रोड से ये आ रहे थे. किसी तरह ये पचपेड़ी नाका तक आ आए. वहां से पुलिस कर्मी ने हमें सूचना दी कि इनकी स्थिति खराब है. अस्पताल भेजा जाना है. हम जिला प्रशासन से एम्बुलेंस मांगकर उन्हें मेकाहारा ले गए. उनकी बस से चढ़ने की उतरने की स्थिति नहीं है, इसलिए उन्हें उसी स्थिति में उनके घर कबीरधाम ले जाया जाएगा.