नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भ्रष्टाचार मामले में जेल जाने पर मंत्री या सीएम को पद छोड़ने वाले बिल पर भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर पलटवार किया है। अरविंद केजरीवाल ने अमित शाह को एक्स पर टैग कर कहा कि अगर जेल गया कोई व्यक्ति निर्दोष निकले तो झूठे केस करने वाले मंत्री को भी जेल होनी चाहिए। वहीं, जो व्यक्ति गंभीर गुनाहों के मुजरिमों को अपनी पार्टी में शामिल करके उनके सारे केस रफ़ा दफा करके उन्हें मंत्री, उपमुख्यमंत्री या मुख्यमंत्री बना देता है, क्या ऐसे मंत्री/प्रधान मंत्री को भी अपना पद छोड़ना चाहिए? ऐसे व्यक्ति को कितने साल की जेल होनी चाहिए? अगर किसी पर झूठा केस लगाकर उसे जेल में डाला जाए और बाद में वो दोषमुक्त हो जाए, तो उस पर झूठा केस लगाने वाले मंत्री को कितने साल की जेल होनी चाहिए।
अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि राजनीतिक षड्यंत्र के तहत झूठे केस में फँसाकर जब केंद्र ने मुझे जेल भेजा तो मैंने जेल से 160 दिन सरकार चलाई। पिछले सात महीनों में दिल्ली की बीजेपी सरकार ने दिल्ली का ऐसा हाल कर दिया है कि आज दिल्ली वाले उस जेल वाली सरकार को याद कर रहे हैं। कम से कम जेल वाली सरकार के वक्त बिजली नहीं जाती थी, पानी आता था, अस्पतालों और मोहल्ला क्लिनिक में फ्री दवाईयां मिलती थी, फ्री टेस्ट होते थे, एक बारिश में दिल्ली का इतना बुरा हाल नहीं होता था, प्राइवेट स्कूलों को मनमानी और गुंडागर्दी करने की इज़ाज़त नहीं थी।

उधर, “आप” मुख्यालय पर प्रेसवार्ता कर मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि अमित शाह ने यह कहने का प्रयास किया कि अगर हिमंता बिस्वा शर्मा, शुभेंदु अधिकारी, प्रफुल पटेल, छगन भुजबल, हसन मुशरिफ जैसे भ्रष्ट लोगों की तरह कोई नेता 30 दिन के भीतर भाजपा के सामने झुककर उनकी पार्टी में शामिल नहीं होता है, तो उसका पद छीन लिया जाएगा। भाजपा लोकतांत्रिक ढंग से चुने गए मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को हटाने की धमकी दे रही है और अगर कोई उनकी बात मान ले, तो 32वें दिन सुबह 5 बजे ही उसे शपथ दिला दी जाएगी। प्रियंका कक्कड़ ने इसे लोकतंत्र के लिए शर्मनाक बताया।
प्रियंका कक्कड़ ने अमित शाह के उस बयान पर भी पलटवार किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि अरविंद केजरीवाल को जेल से सरकार नहीं चलानी चाहिए थी। इसके जवाब में प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि जनता को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि सरकार जेल से चल रही है या बाहर से चल रही है। बशर्ते जनता के काम हो रहे हों। दिल्ली की जनता आज भी केजरीवाल की जेल से चलाई गई सरकार को याद करती है, क्योंकि तब बिजली, पानी, स्कूल और अस्पतालों की स्थिति बेहतर थी। जबकि भाजपा राज में 8 घंटे तक बिजली कटौती हो रही है, नालों का पानी सड़कों पर बह रहा है, घरों में पीने का पानी नहीं मिल रहा या नाले वाला पानी आ रहा है और स्कूलों की फीस बेतहाशा बढ़ा दी गई है। अस्पतालों में न टेस्ट हो रहे हैं, न इलाज मिल रहा है। लोग केजरीवाल की जेल से चलाई गई सरकार को याद कर रहे हैं।
प्रियंका कक्कड़ ने भाजपा पर विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब भाजपा केजरीवाल की गवर्नेंस का मुकाबला नहीं कर पाई, तो उसने “आप” के 21 विधायकों को गैरकानूनी तरीके से अयोग्य ठहराया, हॉर्स ट्रेडिंग की कोशिश की और वोट चोरी की। जनता जानती है कि भाजपा ने “आप” नेताओं पर झूठे मुकदमे लगाए, लेकिन कोर्ट में एक भी सबूत पेश नहीं कर पाई। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि कोर्ट ने ईडी को “क्रुक” और सीबीआई को “बंद पिंजरे का तोता” बताया गया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि केजरीवाल के खिलाफ कोई सबूत नहीं है और ईडी ने द्वेषपूर्ण तरीके से काम किया था। सत्येंद्र जैन के मामले में सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करना शुरू कर दिया।
प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि अगर कोई नेता भ्रष्ट है, तो उसे 30 दिन क्या आजीवन कारावास होना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि भाजपा को एक प्रावधान जोड़ना चाहिए कि अगर कोई नेता निर्दोष साबित होता है, तो जिसने झूठा केस दर्ज किया, उसे उतनी ही सजा मिले, जितना निर्दोष व्यक्ति को जेल में रखा गया। उन्होंने इस बिल को सरकारें तोड़ने का “वैध” तरीका बताते हुए कहा कि इसका मकसद केवल विपक्ष को कमजोर करना है।
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