अक्सर माता-पिता यह सोचकर परेशान रहते हैं कि उनका बच्चा अचानक चिड़चिड़ा, जिद्दी या डरपोक क्यों हो गया है. ऐसे कई मामलों में इसका कारण कुंडली में राहु की अशुभ स्थिति हो सकती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राहु यदि जन्म कुंडली में अशुभ स्थान पर बैठा हो, तो बच्चे के व्यवहार और मानसिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डालता है.

अस्वाभाविक डर और भ्रम
बच्चे को बिना कारण डर लगना (जैसे अंधेरे से, अकेलेपन से, या काल्पनिक चीज़ों से). बार-बार बुरे सपने आना.
एकाग्रता की कमी
पढ़ाई में ध्यान न लगना. ज़्यादा समय भ्रम में रहना या ध्यान इधर-उधर भटकना.
विद्रोही या अजीब व्यवहार
माता-पिता या अध्यापकों की बात नहीं मानना. बहुत ज़्यादा जिद्दी या अचानक गुस्सा करने वाला स्वभाव.
नकारात्मक संगति
गलत दोस्ती की ओर झुकाव. नियमों का उल्लंघन करने की प्रवृत्ति.
स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं
अचानक सिरदर्द, त्वचा रोग, एलर्जी, या मानसिक बेचैनी. नींद की समस्या.
झूठ बोलना और छल-कपट की प्रवृत्ति
छोटी उम्र में ही झूठ बोलना या किसी को भ्रम में डालने की आदत.
आध्यात्मिक या रहस्यमय रुचियां (अति रूप में)
तंत्र, टोने-टोटके, या गूढ़ चीज़ों में अत्यधिक रुचि.
ज्योतिषाचार्यों की मानें तो ऐसे मामलों में कुंडली का विश्लेषण कर उपाय करना जरूरी होता है. यदि किसी बच्चे में ऐसे लक्षण दिखें, तो उसकी कुंडली की जांच अवश्य करानी चाहिए, ताकि सही दिशा में मार्गदर्शन और समाधान मिल सके.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक