Monsoon Health Tips: मौसम बदलते ही इसका असर बच्चों की सेहत पर साफ नजर आने लगता है. कभी खांसी, बुखार तो कभी उल्टी-दस्त से बच्चे परेशान होने लगते हैं. ऐसे में बार-बार अस्पताल की दौड़ लगाने से अच्छा है कि हल्की-फुल्की तकलीफ के लिए घर में ही उपचार दे दिया जाए.बारिश में बच्चों को ठीक रखना है तो अपने फर्स्ट एड बॉक्स को तुरंत अपडेट कर लें.ध्यान रहे कि इस बॉक्स में कुछ जरूरी चीजें होनी ही चाहिए.ताकि अचानक रात-बिरात बच्चे को खांसी, बुखार या उल्टी-दस्त आदि होने पर अस्पताल भागने के बजाय उसे घर पर ही प्राथमिक उपचार दिया जा सके. अगर आपके घर में बच्चे हैं तो मानसून की बारिश आपका सिरदर्द बढ़ सकती है. इसलिए जरूरी है कि अपने फर्स्ट एड बॉक्स को बच्चों के हिसाब से आज ही दुरुस्त कर लें.
इस बॉक्स में कुछ ऐसी जरूरी चीजें बताई जा रही हैं इन्हें रखकर आप इमरजेंसी में बच्चों को घर पर ही प्राथमिक उपचार दे सकते हैं और छोटी-मोटी बीमारियों में अस्पताल जाना अवॉइड कर सकते हैं.
पैरासीटामोल ओरल सस्पेंशन
बच्चों में बुखार कॉमन है.इसके लिए फर्स्ट एड किट में डॉक्टर की सलाह से कोई भी पैरासीटामोल ओरल सस्पेंशन या गोली हमेशा रखें.जब भी बच्चे को फीवर चढ़े तो प्राथमिक उपचार के रूप में दे सकते हैं.
कफ सिरप
खांसी और जुकाम बच्चों में सबसे ज्यादा होने वाली परेशानी है. हमेशा अपने बाल रोग विशेषज्ञ से पूछकर एक कफ सिरप इस बॉक्स में रखना चाहिए.
एंटीसेप्टिक क्रीम और बैंडेड रखें
बच्चों को खेलकूद में अक्सर चोट लगती है. इसलिए एंटीसेप्टिक क्रीम और बैंडेड रखें.हालांकि सभी पेरेंट्स को सलाह दी जाती है कि अगर चोट के बाद खून निकले तो घाव को पहले साबुन पानी से धो देना चाहिए.उसके बाद इस पर क्रीम लगाएं.
बैक्टीरियल क्रीम
फर्स्ट एड किट में एंटी बैक्टीरियल क्रीम जैसे फ्यूसिडिक एसिड और म्यूपिरोसिन साल्ट वाली क्रीम हमेशा रखें. जब भी बच्चे को चोट लगे तो घाव को साफ करने के बाद इस क्रीम को लगा सकते हैं.
माइल्ड पेन किलर सिरप
पीडियाट्रिशियन की सलाह से बच्चों के लिए एक माइल्ड पेन किलर सिरप भी इस किट में रख सकते हैं.या फिर दर्द में बच्चे को सिर्फ पैरासीटामोल ही दें.
ORS घोल
किट में ओआरएस घोल, उल्टी की सिरप और दस्त की गोली या सिरप भी रखें. साथ ही इन चीजों को हर 3 से 6 महीने के बीच में जांचते रहें कि ये एक्सपायर तो नहीं हो गए.
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