रायपुर. इस साल मेष के सूर्य के साथ ही राहु भी मेष में होने से सूर्य राहु युति जहां ग्रहण दोष बना रहा है. इसके साथ ही साल के पहले सूर्य ग्रहण दोष लगने एवं कुंभ राशि में शनि के प्रवेश से शनि की भी दृष्टि सूर्य एवं राहु होने से व्यक्ति ही नहीं संपूर्ण जगत एवं समाज की स्थिति भी प्रतिकूल हो सकती हैं.
इस कठिन समय में समस्त प्राणियों को इस पूजा को अवश्य करनी चाहिए और संपूर्ण विश्व के कल्याण के लिए ईश्वर से प्रार्थना करनी चाहिए. यज्ञ, मंत्रजाप एवं ईश्वर से कल्याण की कामना से राष्ट्रवर्द्धन सूक्त का पाठ जरूर करें. रविवार का दिन सूर्य की उपासना के लिए सबसे उत्तम माना गया है. इस दिन की शुरूआत सूर्य के एक विशेष मंत्र से करें तो सूर्य देव का आर्शिवाद अवश्य मिलेगा.
कुंडली में सूर्य का दोष है तो इस मंत्र के साथ सूर्य देव की पूजा अवश्य करनी चाहिए. सूर्य की कृपा व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है. साथ ही जीवन के हर कार्य मे सफलता प्राप्त होती है और भाग्य संबंधी परेशानियां भी सूर्य पूजा से दूर हो सकती है. शास्त्रों में सूर्य पूजा के लिए कई मंत्र बताए गए हैं, इस मंत्र का जाप सुबह जल्दी उठकर करना चाहिए.
रविवार से शुरू करके हर रोज सूर्य मंत्रों का जप करें और सूर्य को पीतल के कलश से जल अर्पित करें. इस उपाय से और सूर्य नमस्कार करने से बल, बुद्धि, विद्या, वैभव, तेज, ओज, पराक्रम व दिव्यता आती है और सभी परेशानियों से जल्द मुक्ति मिलती है. रविवार को सुबह जल्दी उठकर स्नान करें इसके बाद किसी मंदिर या घर में ही सूर्य को पीतल के कलश से जल अर्पित करें.
इसके बाद पूजन में सूर्य देव के निमित्त लाल पुष्प, लाल चंदन, गुड़हल का फूल, चावल अर्पित करें. गुड़ या गुड़ से बनी मिठाई का भोग लगाएं और साथ ही अपने माथें में लाल चंदन से तिलक लगाए. फिर राष्ट्रवर्द्धन सूक्त जाप करें.
‘उदसौ सूर्यो अगादुदिदं मामकं वच:, यथाहं शत्रुहोऽसान्यसपत्न: सपत्नहा. सपत्नक्षयणो वृषाभिराष्ट्रो विष सहि:, यथाहभेषां वीराणां विराजानि जनस्य च.
इस मंत्र का अर्थ है सूर्य ऊपर चला गया है उसके साथ ही मेरा यह मंत्र भी ऊपर गया है, ताकि मैं शत्रु को समाप्त करने में सक्षम हो जाऊं. प्रतिद्वंद्वी को नष्ट करने वाला, प्रजाओं की इच्छा को पूरा करने वाला, राष्ट्र को सामर्थ्य से प्राप्त करने वाला तथा जीतने वाला बन सकूं, ताकि मैं शत्रु पक्ष के वीरों का तथा अपने एवं पराए लोगों का शासक बन सकूं.
रविवार को सूर्य को नित्य रक्त पुष्प डाल कर अर्घ्य देने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है. अर्घ्य द्वारा विसर्जित जल को दक्षिण नासिका, नेत्र, कान और भुजा से स्पर्श करना चाहिए. यह मंत्र पढने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएगी और घर में सुख-शांति आएगी.