अगर आपमें सेहत और पर्यावरण को लेकर जरा भी सजगता है तो आप अपनी छोटी सी बालकनी में भी किचन गार्डेन बना सकती हैं. अगर छत है तब तो कहना ही क्या. लेकिन तमाम लोग ऐसा करते नहीं हैं. क्योंकि बातें वे भले बड़ी अच्छी अच्छी करते हों लेकिन मेहनत करने में उनका यकीन नहीं होता. यही वजह है कि किचन गार्डेन उन घरों में भी जरूरी नहीं है. है कि हो, जहां अच्छी-खासी जगह हो.

किचन गार्डेन तो हमारे खासकर गृहिणियों की सजगता, समझ और सौंदर्यबोध का नतीजा होता है. वैसे मैं तो यही सुझाव दूंगी कि हर गृहणी को एक छोटा सा किचन गार्डेन जरूर बनाना चाहिए. चाहे उसके पास घर में कितनी ही जगह कम क्यों न हो.


एक कमरे के फ्लैट में भी अगर हम चाहें तो दिल और आंखों को सुकून देने वाली एक हरी भरी बगिया इसकी बालकनी में लगा सकते हैं, जिससे घर के अंदर जाने वाली हवा भी साफ होगी, आंखों को हरियाली और फूल देखने को मिलेंगे तथा किचन को कुछ तो और तमाम तरह के कीटनाशकों से मुक्त शुद्ध सब्जियां भी मिलेगी.

मजेदार बात यह है कि किचन की देखरेख में बहुत पैसे और बहुत अतिरिक्त समय की जरूरत नहीं होती. रसोई से निकलने वाली तमाम जैविक चीजें हमारे किचन गार्डेन का खाद पानी बनती हैं, जिसके बदले में हमें सुंदर सुंदर सब्जियां और फल प्राप्त होते हैं. अगर आपके घर के आंगन में या पीछे जमीन है तब तो यही समझना चाहिए कि आप बहुत भाग्यशाली हैं. अपनी इस जमीन में आप मौसम के अलग-अलग अनुकूल सब्जियां उगा सकती हैं.

अगर जमीन नहीं हैं तो आप 8-10 गमले रखकर भी कम से हरा धनिया, पुदीना, हरा लहसुन, पालक, मेथी और इसी तरह की कई सब्जियां पा सकते हैं. बैंगन और टमाटर जैसे ऊपर उठने वाले पौधों से बैंगन और टमाटर पा सकती हैं. किचन गार्डेन से हासिल हुई ये चीजें सिर्फ हमारे बजट को ही संतुलित नहीं करतीं बल्कि ये हमारी आंखों को भी सुकून पहुंचाती हैं और दिल को भी अच्छा लगवाती हैं. बिना कीटनाशकों के ये सब्जियां हमारी सेहत के लिए तो बहुत अच्छी होती ही हैं. किचन गार्डेन बनाकर उसे सबसे पहले कई अलग-अलग क्यारियों में बांट देना चाहिए, ताकि एक साथ कई चीजों को उगाया जा सके.


■ अपनी बगिया में अलग-अलग मौसम के अनुकूल सब्जियां उगाएं.
■ दो भिन्न किस्म की सब्जियों के बीच एक मेड़ या डिवाइडर लाइन बनाएं, जिससे कि दोनो सब्जियों को अपने अपने हिसाब से फलने-फूलने का मौका मिले.
■ आपकी बगिया में अगर कई मेड़ें या
डिवाइडर हैं तो उनमें गाजर, शलजम, धनिया, पुदीना जैसी चीजें बोयी जा सकती हैं.
■ अगर बगिया जमीन की है और 8- 10 मीटर का हमारे पास स्पेस है तो हम इसमें कद्दू, लौकी, भिंडी, करेला, पालक, धनिया, मिर्च, टमाटर, बैंगन के साथ साथ नींबू, करौंदा, अनार, अंगूर, अमरूद और केला जैसे फल
भी उगा सकते हैं.
■ अगर हमें खेती किसानी के बारे में जरा भी जानकारी न हो तो या तो गंभीरता से इंटरनेट में तमाम चीजों को पढ़ें, समझें और गलतियां करते, आजमाते हुए अपनी जानकारी को दुरुस्त बनाएं या फिर कहीं 10-12 दिन का प्रशिक्षण ले लें. आजकल दर्जनों, सैकड़ों नहीं बल्कि हजारों जगह पर इस तरह की ट्रेनिंग दी जाती हैं.

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