रायपुर. जीवन में अच्छा और बुरा समय हर किसी के जीवन में आता है. व्यक्ति किसी घोर संकट में फंस जाता है, तो उससे निकलने के लिए वह हर तरह से प्रयास भी करता है. ऐसे में जहां कुछ लोग ऐसे संकटों से बाहर आ भी जाते हैं, तो कुछ को तमाम कोशिशों के बावजूद सफलता नहीं मिलती है. कुछ लोग अपने महत्वपूर्ण निर्णय को भी तत्काल लेने में माहिर होते हैं, तो कई छोटे से निर्णय के लिए उहापोह की स्थिति में कीमती समय निकाल देते हैं. कुछ लोग महज सोचते रह जाते हैं तो कुछ बिना समय गॅवायें कार्य को भी पूर्ण कर डालते हैं.

ऐसे में अध्यात्म सहित वास्तु में कुछ ऐसे उपाय बताए गए हैं जिनके संबंध में मान्यता है कि इन उपायों की मदद से व्यक्ति को काफी मदद मिलती है. यहां तक कहा जाता है कि व्यक्ति द्वारा इन चंद उपायों को आजमाने से संकट तत्काल दूर हों सकते हैं. इसका ज्ञान मनुष्य को देखकर नहीं लगाया जा सकता है, लेकिन किसी व्यक्ति की कुंडली में उसका तीसरा स्थान देखकर इस बात की जानकारी प्राप्त की जा सकती है कि उसका व्यवहार विशेष परिस्थितियों में कैसा होगा. इसके लिए कुंडली में अगर तीसरे स्थान का स्वामी शनि होकर लग्न, तीसरे स्थान में अथवा तीसरे स्थान का कारक ग्रह छठवे आठवे या बारहवें स्थान में हो जाए तो ऐसा व्यक्ति विपरीत परिस्थिति में हताश हो सकता है.

इसी प्रकार अगर तीसरे स्थान का स्वामी होकर गुरू तीसरे स्थान में ही हो तो ऐसे व्यक्ति को ज्ञान का अभाव हो सकता है, अतः ऐसी स्थिति में उसके जीवन में निर्णय क्षमता प्रभावित होती है. इसी प्रकार अगर तीसरे स्थान में राहु हो जाए तो निर्णय में यर्थायवाद की कमी होती है और ऐसे लोग जीवनभर अपनी वर्तमान परिस्थिति का आकलन किए बिना निर्णय लेकर परेशान होते रहते हैं. इसी प्रकार अन्य ग्रह योगों आकलन कर वैयक्तिक गुण का आकलन किया जा सकता है और इसके सामान्य वैदिक उपाय लेकर इन परिस्थिति से आसानी से निकला ला सकता है.

इसके लिए ग्रह शांति, मंत्रजाप और ग्रह से संबंधित वस्तुओं का दान करना चाहिए. कृष्ण पक्ष के पहले शनिवार से लेकर 7 शनिवार तक घर के मुख्य द्वार पर सरसों के तेल का दीपक जलाएं और फिर सुबह बुझे हुए दीपक के शेष तेल को पीपल के वृक्ष पर अर्पित कर दें, ऐसा करने से आर्थिक समस्याएं खत्म होती हैं और ईष्ट देवों का आशीर्वाद मिलता है. आर्थिक समृद्धि के लिए 6 शनिवार तक पीपल के वृक्ष पर जल अर्पित कर दें. ऐसा करने से समस्त कष्ट खत्म होती है और लाभ की प्राप्ति भी वृद्धि होने लगती है. साथ ही आप अमावस्या के दिन विकलांग व्यक्ति को भोजन कराएं, इससे आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी.