प्यार के लिए सात समंदर पार करने वाला फिल्मी डायलॉग तो अपने सुना ही होगा. पर हम आपको असल जिदंगी में सच करने वाली जर्मनी की एक महिला प्रोफेसर के बारे में बताने जा रहे हैं. जो लंदन यूनिवर्सिटी में अपनी नौकरी और विलासपूर्ण जीवन छोड़ कर ओडिशा के एक छोटे से गांव में रहने के लिए आ गई हैं. जी हां… जर्मनी की उलरिक जेसन ओडिशा में रह रहे अपने प्यार से शादी करने के लिए सब कुछ छोड़ कर आ गई हैं. जर्मनी में पैदा हुई और इंग्लैंड में सांकेतिक भाषा की प्रोफेसर उलरिक की प्रेम कहानी युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक है.

जर्मन की बेटी बनी खांटी ओड़िया बहू

महिला प्रोफेसर उलरिक ने अपने शादी को लेकर कहा कि में ओडिशा की बहू हुं और मैं यहीं रहूंगी. ओडिशा मुझे हमेशा से आकर्षित करता था. यहां के गांव का जीवन, प्रकृति, महानदी, पेड़ और यहां तक कि यहां की गायें भी मुझे अपनी लगती हैं. जर्मनी की उलरिक जेसन ने लंदन छोड़ कर अपने पति शिवाजी पंडा के साथ गांव में साधारण जीवन जीने का फैसला किया है. Read more – अंबानी परिवार की गणेश चतुर्थी पूजा में पहुंची Rekha, डॉर्क मरून कलर की साड़ी में लगी कयामत …

कपड़े पहनने से लेकर खाना पकाने तक हर किसी प्रकार से वे एक खांटी ओड़िया बहू की तरह रहने लगी हैं. उन्होंने हर चीज में उत्कृष्टता हासिल की है और उन्हें एक ओड़िया घर की बहू होने पर गर्व महसूस होता है. उन्होंने खुद को एक प्राउड ओड़िया बहू कहा है.

युनिवर्सिटी में शुरू हुआ प्यार

महिला प्रोफेसर उलरिक इंग्लैंड के एक विश्वविद्यालय में सांकेतिक भाषा की प्रोफेसर के रूप में काम कर रही थी, जहां उसकी मुलाकात सुबर्णपुर जिले के शिवाजी पंडा से हुई. जन्म से ही मूक-बधिर शिवाजी भी उसी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत थे. इंग्लैंड में अपनी नौकरी के दौरान ही उलरिक शिवाजी के प्यार में पड़ गई थी और शिवाजी में उन्हें एक सच्चा जीवनसाथी नजर आया था. उनकी विकलांगता के बावजूद, वह उनकी सादगी और दयालु स्वभाव से प्रभावित थीं.

प्यार में आया ट्विस्ट

हालाँकि, उनकी प्रेम कहानी खत्म होने की कगार पर थी जब शिवाजी ने इंग्लैंड छोड़ने और ओडिशा लौटने का फैसला किया. शिवाजी ने अपने गांव सिंदुरपुर में एक इको-विलेज खोला और एक सांकेतिक भाषा स्कूल शुरू किया. बाद में उलरिक भी उनके पीछे शिवाजी से मिलने ओडिशा आ पहुंची. ओडिशा में गांव की जीवनशैली से भी उन्हें प्यार हो गया. इसके बाद इस जोड़े ने शादी करने और हमेशा के लिए एक-दूसरे के साथ रहने का फैसला किया. Read More – Ganesh Chaturthi Recipe : बप्पा को लगाएं चॉकलेट मोदक का भोग, बप्पा हो जाएंगे खुश …

लंदन में हुई शादी

इस जोड़े ने करीबी दोस्तों और परिवार की मौजूदगी में लंदन में कोर्ट मैरिज की, लेकिन शादी ओड़िया परंपराओं के अनुसार ही आयोजित किया गया था. उन्होंने दुल्हन की अन्य पोशाकों के बजाय संबलपुरी साड़ी चुनी और चूड़ियों और मेहंदी में ओड़िया बहू की तरह सुंदर लग रही थीं. शिवाजी ने कहा कि उलरिक जैसा जीवनसाथी पाकर मैं बहुत खुश हूं. इससे अधिक और कुछ भी नहीं चाहिए.

अब यह जोड़ा शहरी जीवन को पीछे छोड़कर गांव में एक शांतिपूर्ण जीवन जी रहा है. इस जोड़े ने अपने इको-विलेज में 60 विभिन्न प्रकार के पेड़, पौधे लगाए हैं और उनकी देखभाल करते हैं. इसके अलावा दोनों मिलकर गांव में युवाओं को सांकेतिक भाषा की शिक्षा भी देते हैं.