चंडीगढ़। पत्नी ने पति के अवैध संबंध को पकड़ लिया तो इसे जान के खतरे को लेकर धमकी नहीं माना जा सकता. पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने ऐसे ही एक मामले में लिव इन रिलेशनशिप में रहने का दावा कर पति और उसकी प्रेमिका की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग संबंधी याचिका को 2500 रुपये जुर्माना लगा खारिज किया है.
जस्टिस आलोक जैन ने फैसले में कहा कि विवाहितों का लिव इन रिलेशनशिप में रहना अवैध है. ऐसा लग रहा है कि पत्नी के सामने पति के संबंधों का खुलासा हो गया. ऐसे में धमकी की बात अस्पष्ट है जिसे खतरा नहीं समझा जा सकता. मौजूदा मामले में पति अपने अवैध संबंध पकड़े जाने पर उसे छुपाने का प्रयास कर रहा है और इसी दिशा में कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग किया जा रहा है. इस तरह की परिस्थितियों को खतरे की आशंका के साथ नहीं जोड़ा जा सकता.
हाईकोर्ट ने फैसले में कहा कि यदि याचिका दायर करने वाले जोड़े की कोई वास्तविक शिकायत उनके लिव-इन रिलेशनशिप में हस्तक्षेप या उनके जीवन को खतरा को लेकर है तो वे सीआरपीसी की धारा 154 के तहत एफआईआर दर्ज कराने के लिए स्वतंत्र हैं. पुलिस या सक्षम न्यायालय के समक्ष सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत एक आवेदन दायर किया जा सकता है या सीआरपीसी की धारा 200 के तहत शिकायत कर मामला दर्ज कराया जा सकता है. याचिकाकर्ताओं ने इनमें से कोई कदम नहीं उठाया.
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