राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। केंद्र की मोदी सरकार ने नए संसद भवन में लोकसभा की कार्यवाही में महिला आरक्षण बिल पेश कर दिया है। अगर यह आरक्षण लागू होता है तो इसका असर मध्य प्रदेश की राजनीति पर भी पड़ेगा। महिला आरक्षण बिल के लागू होने से एमपी की सियासत में कितना बदलाव होगा ? यहां पढ़ें पूरी खबर…

महिला आरक्षण पर श्रेय की सियासत: दिग्विजय बोले- राजीव गांधी का सपना पूरा, बीजेपी ने कहा- UPA ने सरकार जाने की डर से पेश नहीं होने दिया

मध्य प्रदेश विधानसभा में फिलहाल 230 विधायक चुन कर आते हैं। अगर यह अधिनियम लागू होता है तो 230 में से 76 महिलाओं के लिए सीट आरक्षित होंगी। 230 में से पहले ही 82 सीटें एससी-एसटी के लिए आरक्षित हैं। आरक्षण लागू होने से 76 महिलाओं के लिए सीट आरक्षित होंगी। यानी महिलाओं का दबदबा बढ़ेगा। बता दें कि प्रदेश में साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कुल 21 महिलाएं चुनी गई। जिनमें 11 बीजेपी की, 9 कांग्रेस की, जबकि एक बीएसपी से हैं।

महाकौशल में बीजेपी को बड़ा झटका: पूर्व सांसद, सरपंच संघ के अध्यक्ष समेत कई नेताओं ने थामा कांग्रेस का हाथ, कमलनाथ ने दिलाई सदस्यता

वहीं लोकसभा चुनाव के लिए मध्यप्रदेश में कुल 29 सीटें हैं। अगर 33 प्रतिशत महिला आरक्षण बिल का अधिनियम पास होता है, तो एमपी की 29 लोकसभा सीटों में से महिलाओं के लिए 10 सीट आरक्षित होंगी, यानी 10 महिला सांसद चुनी जाएंगी।

BJP में OUT OF CONTROL हुआ डैमेज कंट्रोल: दिनेश, ममता के बाद बोध सिंह ने भी छोड़ा साथ, कांग्रेस-भाजपा में वार-पलटवार

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus