ग्रूप डिस्कशन, जिसका सामना आजकल कॉलेज में एडमिशन और ज्यादातर जॉब इंटरव्यू के दौरान करना पड़ता है। दरअसल ग्रूप डिस्कशन का मकसद आपके अंदर छिपे टैलेंट, आपके बिहेवियर और लीडरशिप एबिलिटी को जानना होता है, तो ये डिस्कशन सिर्फ चयनकर्ता के लिए जरूरी नहीं होता, बल्कि आपके लिए भी काफी जरूरी होता है।

अगर कंपनी या कॉलेज में ग्रूप डिस्कशन से होकर गुजरना है, तो समझ जाएं यही आपकी बात पक्की कर भी सकती है और बिगाड़ भी सकती है। इसलिए बहुत जरूरी है ऐसे डिस्कशन के वक्त कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना। आज हम आपको इसी के बारे में बताएंगे।

बोलने में हिचकिचाना

टॉपिक कोई भी हो, अपनी बात रखने में हिचकिचाएं नहीं। हिचकिचाहट के चक्कर में हम कई बार कुछ भी बोलने लग जाते हैं, जिसका टॉपिक से कोई लेना-देना नहीं होता या फिर एकदम से खामोश हो जाते हैं। दोनों ही स्थितियां आपका काम बिगाड़ सकती हैं। अटक-अटक कर बोलने से इंंप्रेशन खराब होता है और ऐसा लगता है कि आपको उस टॉपिक की नॉलेज नहीं है जिस वजह से आप सोच-सोचकर बोलने का प्रयास कर रहे हैं, तो इस गलती को नहीं करना है। जो भी बोलें कॉन्फिडेंट होकर बोलें।

टॉपिक को जाने बगैर बोलना शुरू कर देना

ये दूसरी गलती है, जिसे अक्सर लोग ग्रूप डिस्कशन में करते हैं। सबसे पहले टॉपिक को समझें फिर उस पर अपनी राय रखें। बिना सोचे-समझे कुछ भी बोलने की गलती न करें वरना भले ही आपने बाकी इंटरव्यू के राउंड क्लियर कर लिए हो, लेकिन यहां आकर सारी बात खराब हो सकती है। 

आंख मूंदकर किसी को फॉलो न करें

ऐसा तब होता है जब आपको उस टॉपिक की नॉलेज नहीं होती। इस चक्कर में क्या बोलना है इस पर वक्त बर्बाद करने से बेहतर लगता है कि किसी दूसरे की बातों को रिपीट करना या उसकी हां में हां मिला देना। इससे चयनकर्ता को आपके विचारों को सुनने और जानने का मौका ही नहीं मिलता और यहीं सारा मामला खत्म हो जाता है। विषय कोई भी हो आप कुछ तो राय रखते ही होंगे उससे, जो उसे ही बताएं, किसी को कॉपी करने की गलती न करें। 

आंख न मिलाकर बोलना

ऐसा करना आपके लो कॉन्फिडेंस की पहचान होती है और ये काफी कुछ बयां कर देती है आपके बिहेवियर के बारे में, तो इस गलती को भी नहीं दोहराना है याद रखें। सब्जेक्ट पर बात करते हुए टीम मेंबर्स की आंखों में देखकर बात करें।

अपने ही पॉइंट्स को काटना

टॉपिक के फेवर में बात कर रहे हैं या अगेंस्ट में, ध्यान रखें उस पर कायम रहना है। ये नहीं कि एक बार कुछ बोल रहे हैं और दूसरी बार कुछ। इससे भी आपका नेगेटिव प्रभाव पड़ता है कि आप खुद ही अपने विचारों से सहमत नहीं। ध्यान रहें इसे ग्रूप डिस्कशन के टाइम अवॉयड करना है।