अचार हम भारतीयों के खाने के अहम हिस्सा है. अचार खाने के स्वाद को और ज़्यादा बढ़ा देता है क्योंकि इसका स्वाद खट्टा, चटपटा,तीखा होता है. मगर क्या आप जानते हैं अचार में उच्च मात्रा में नमक, तेल और मसाले होते हैं, जो कुछ स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों के लिए हानिकारक हो सकते हैं. आज हम आपको बतायेंगे कि कौन सी  प्रमुख बीमारियाँ हैं, जिनमें अचार का सेवन करने से बचना चाहिए.

हाई ब्लड प्रेशर 

अचार में नमक की अधिकता होती है, जिससे रक्तचाप बढ़ सकता है. उच्च रक्तचाप वाले लोगों को नमक का सेवन नियंत्रित करना चाहिए, इसलिए उन्हें अचार से परहेज करना चाहिए.

किडनी रोग 

अचार में सोडियम की अधिकता होती है, जो किडनी पर दबाव डाल सकती है. किडनी की समस्या वाले लोगों को अत्यधिक नमक से बचना चाहिए क्योंकि यह किडनी की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर सकता है.

गैस्ट्रिक या अपच 

अचार में मसाले और तैलीय सामग्री होती है, जो पेट में जलन, गैस, अपच या अन्य पाचन संबंधी समस्याएँ पैदा कर सकती हैं. जिन लोगों को पेट में जलन या एसिडिटी की समस्या है, उन्हें अचार से बचना चाहिए.

दिल की बीमारी 

अचार में उच्च मात्रा में वसा और नमक होता है, जो दिल की बीमारी वाले लोगों के लिए हानिकारक हो सकता है. यह रक्त वाहिकाओं पर दबाव डाल सकता है और दिल की समस्याओं को बढ़ा सकता है.

डायबिटीज 

अचार में उच्च मात्रा में चीनी और सोडियम हो सकता है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए सही नहीं है. यह रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मुश्किलें पैदा कर सकता है.

पेट के अल्सर 

अचार में तीव्र मसाले होते हैं, जो पेट में जलन और अल्सर को बढ़ा सकते हैं. अल्सर के मरीजों को तीव्र मसालों से बचना चाहिए, इसलिए उन्हें अचार से परहेज करना चाहिए.

गाउट

गाउट की समस्या में शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाता है, और अचार में पाया जाने वाला सोडियम शरीर में पानी की रिटेंशन (रुकावट) को बढ़ा सकता है, जो गाउट के लक्षणों को बढ़ा सकता है.

प्रेगनेंसी 

गर्भवती महिलाओं को भी अचार के सेवन में सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि इसमें अधिक सोडियम और मसाले होते हैं, जो शरीर में पानी की रिटेंशन बढ़ा सकते हैं और ब्लड प्रेशर को प्रभावित कर सकते हैं.

एलर्जी और त्वचा की समस्याएं

कुछ लोगों को अचार में इस्तेमाल होने वाले मसाले, जैसे मिर्च या हल्दी से एलर्जी हो सकती है, जो त्वचा पर रैशेज या अन्य समस्याएं उत्पन्न कर सकती है.