रायपुर। कई महिलाओं की आदत होती है कि वे रोटी बनाते वक्त गिनकर रोटी बनाती है। क्योंकि वह जानती है कि घर का कोई सदस्य कितनी रोटी खाएगा। लेकिन ज्योतिष या वास्तु के अनुसार इसे सही नहीं माना जाता। ऐसा करने से घर की बरकत चली जाती है। बरकत के जाने से सुख-समृद्धि भी चली जाती है।

पहले के समय में सभी लोग संयुक्त परिवार में रहते थे। तब सभी लोग साथ बैठकर भोजन करते थे और तब महिलाएं कभी भी गिनकर रोटी नहीं बनाती थी। रोटी बच जाती थी तो उसे शाम को खा लिया जाता था या घर में मेहमानों का आना जाना लगा रहता था तो सभी की पूर्ति हो जाती थी। लेकिन आजकल एकल परिवार हो चले हैं। ऐसे में हर सदस्य के हिसाब से गिन गिनकर रोटियां बनाई जानें लगी ताकि रोटी बचे नहीं।

इसे में ग्रह नक्षत्र भी प्रभावित होते हैं और सेहत के लिए यह हानिकारक है। कहते हैं कि गेहूं सूर्य का दाना है। सूर्य के कारण ही व्यक्ति का जीवन प्रभावित हो रहा है। गिनकर बनाने से सूर्य देव का अपमान माना जाता है। रोटी पकाते समय दो रोटियां ज्यादा रखनी चाहिए। ताकि अगर कोई मेहमान खाना खाते समय आए तो वह भूखा न रहे। इससे मां अन्नपूर्णा प्रसन्न होती हैं और उस घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है।