भारत में विभिन्न प्रकार के मसालें मिलते हैं और भारतीय किचन में सबसे ज्यादा मसालों का यूज़ भी किया जाता है. विभिन्न प्रकार के मसालों में अलग-अलग गुण मौजूद होते हैं. जो सेहत से जुड़ी परेशानियों को दूर करने में मदद करते. पंच फोरन भी रसोई का एक अहम हिस्सा है. यह पांच मसाले का मिश्रण होता है. तड़का लगाने और खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल ज्यादातर घरों में किया जाता है. आप जानते हैं कि पंचफोरन में मौजूद मसाले आपके खाने के स्वाद को कई गुना बढ़ाते तो हैं, ही पर साथ ही सेहत के लिहाज से भी बहुत फायदेमंद होते हैं. आइए जाने कैसे.
इन मसालों का कॉम्बिनेशन होता है पंचफोरन
मेथी, सरसों, जीरा, सौंफ और कलौंजी को मिलाकर पंच फोरन तैयार किया जाता है. मार्केट में यह आसानी से मिल जाता है. पंच फोरन को पाचन तंत्र से लेकर हृदय के लिए लाभकारी माना जाता है. आइए जानें.
आपको डाइट में पंच फोरन को शामिल क्यों करना चाहिए?
- खाने में पंच फोरन डालने और इसके सेवन करने से कब्जियत, एसिडिटी, गैस और पाचन से जुड़ी कई समस्याओं से राहत मिलती है.
- लीवर के लिए भी पंच फोरन को फायदेमंद माना जाता है. यह सूजन को कम करता है. लिवर को डिटॉक्स करता है.
- पंच फोरन में मौजूद में मेथी डायबिटीज रोगियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं नहीं होता. यह ब्लड शुगर लेवल को संतुलित रखने में मदद करता है.
- इसमें शामिल सौंफ और मेथी दाने को हृदय के लिए भी बेहद फायदेमंद माना जाता है. यह कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करता है और हृदय को हेल्दी रखने में मदद करता है.
- पंचफोरन में शामिल मसालों में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं, जो इम्यूनिटी को बूस्ट करते हैं. जिससे मानव शरीर सर्दी-जुकाम और अन्य वायरल बीमारियों से लड़ने में सक्षम होता है.
- पंच फोरन में शामिल सरसों कई गुणों से भरपूर होता है. यह न सिर्फ शरीर के मेटाबॉलिज्म को सुधरता है बल्कि स्वास्थ्य संबंधित कई बीमारियों से भी राहत दिलाता है. ब्लड प्रेशर और माइग्रेन जैसी समस्याओं को भी दूर करने में यह मदद करता है.
- पंचफोरन मसाले को बनाने में कलौंजी का इस्तेमाल किया जाता है. कलौंजी में एंटीऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं जो कैंसर के खतरे को कम कर सकता है, क्योंकि ये शरीर के फ्री रेडिकल को खत्म करने की क्षमता रखता हैं. कलौंजी के पोषक तत्व लीवर को भी डिटॉक्स करने में मदद करते हैं.