रायपुर. यदि कुंडली में शनि मंगल का योग हो और शुभ प्रभाव से वंछित हो तो जीवन में चोट लगने और दुर्घटनाओं की स्थिति बार बार बनती है. शनि मंगल का योग यदि अष्टम भाव में बने तो अधिक हानिकारक होता है. ऐसे व्यक्ति को वाहन बहुत सावधानी से प्रयोग करना चाहिए.
अगर कुंडली में शनि और मंगल का राशि परिवर्तन हो रहा हो तब भी चोट आदि लगने की समस्या समय समय पर आती है. कुंडली में राहु, मंगल की युति भी दुर्घटनाओं को बार बार जन्म देती है. यह योग अष्टम भाव में बनने पर बहुत समस्या देता है. यदि मंगल कुंडली के आठवें भाव में हो तो भी एक्सीडेंट आदि की घटनाएं बहुत सामने आती हैं.
मंगल का नीच राशि (कर्क) में होना और मंगल केतु का योग भी बार बार दुर्घटनाओं का सामना कराता है.
उपाय –
यदि आपकी कुंडली में उपरोक्त ग्रहस्थितियां बन रही हैं या बार बार दुर्घटनाओं का सामना हो रहा है, तो यह उपाय श्रद्धा से करें लाभ होगा.
- हनुमान चालीसा और संकटमोचन का पाठ प्रतिदिन करें.
- शनिवार को हनुमान जी को मंदिर में चौला चढ़ायें.
- प्रत्येक मंगलवार को गाय को गुड़ खिलाएं.
- ॐ अंग अंगरकाय नमः का एक माला जाप रोज करें.
- बाहर जाते समय एक छोटी हनुमान चालीसा अपने साथ हमेशा रखें.