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Vastu Tips for Factory: नई फैक्ट्री शुरू करने से पहले वास्तु शास्त्र के अनुसार सही दिशा और स्थान का चयन करना बहुत जरूरी है. यहाँ कुछ महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स दिए गए हैं जो आपकी फैक्ट्री के लिए शुभ साबित हो सकते हैं.
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औद्योगिक भूखंड के चारों ओर सड़क होना शुभ माना जाता है. फैक्ट्री का मुख्य द्वार पूर्व या उत्तर दिशा में होना सर्वोत्तम रहता है. मुख्य भवन को भूखंड के पश्चिमी या दक्षिणी भाग में बनाना चाहिए, जिससे पूर्व और उत्तर दिशा में खुला स्थान बना रहे.
भूखंड के ब्रह्मस्थान (मध्य भाग) में कोई निर्माण नहीं होना चाहिए. भारी मशीनें दक्षिण, पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम कोने में स्थापित करना लाभकारी होता है. जनरेटर, बॉयलर और बिजली मीटर अग्नि कोण (दक्षिण-पूर्व) में लगाने चाहिए. कच्चे माल का भंडारण दक्षिण-पश्चिम में और तैयार माल को उत्तर-पश्चिम में रखना शुभ होता है, जिससे बिक्री जल्दी हो.
कार्यालय उत्तर दिशा में, अनुसंधान एवं विकास इकाई पूर्व में और असेंबली यूनिट उत्तर या पूर्व दिशा में बनाई जानी चाहिए. कर्मचारियों के क्वार्टर उत्तर-पश्चिम में और अधिकारियों के क्वार्टर दक्षिण-पश्चिम में बनाए जा सकते हैं. भारी वाहनों की पार्किंग उत्तर-पश्चिम में होनी चाहिए.
फैक्ट्री में गंदगी या अनावश्यक सामान जमा नहीं करना चाहिए. कार्यस्थल पर बीम के नीचे कोई टेबल या मशीन नहीं होनी चाहिए. कर्मचारियों का मुख उत्तर या पूर्व दिशा में रखना लाभदायक माना जाता है.
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