डायबिटिक महिलाओं के लिए करवा चौथ व्रत: सावधानी और सुरक्षा के साथ निभाएं परंपरा

Karwa Chauth 2025 : करवा चौथ का व्रत भारतीय महिलाओं के लिए न सिर्फ एक धार्मिक परंपरा है, बल्कि यह अपने पति की लंबी उम्र और वैवाहिक सुख-शांति के लिए रखी जाने वाली एक गहरी भावनात्मक आस्था भी है. हालांकि, डायबिटीज जैसी स्वास्थ्य स्थितियों में यह व्रत रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है. दिनभर भूखा-प्यासा रहना और लंबे समय तक बिना भोजन के रहना ब्लड शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव का कारण बन सकता है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.

इसलिए अगर कोई महिला डायबिटिक है और करवा चौथ का व्रत रखना चाहती है, तो यह जरूरी है कि वह पहले अपने डॉक्टर से सलाह ले. आज हम आपको इसके बारे में हो विस्तार से बतायेंगे की यदि आपको डायबिटीज है तो करवाचौथ का व्रत कैसे करें.

व्रत से पहले की तैयारी (व्रत की पूर्व-संध्या या सुबह सर्गी के समय)

डॉक्टर से सलाह लें
व्रत से कुछ दिन पहले ही अपने डॉक्टर से मिलें. उन्हें अपने शुगर लेवल, दवाओं और व्रत के समय की योजना बताएं.अगर आप इंसुलिन या अन्य शुगर कंट्रोल दवाएं लेती हैं, तो उनका टाइम और डोज व्रत के अनुसार एडजस्ट किया जा सकता है.

सही सर्गी लें (सुबह का भोजन)
सर्गी में फाइबर युक्त और लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ लें, जो धीरे-धीरे पचें और दिनभर ऊर्जा दें.
ओट्स, मूंग दाल चीला, साबुत अनाज, दूध, दही, मेवे (बिना शक्कर के) और फल जैसे सेब, नाशपाती आदि.
अधिक पानी पिएँ ताकि डिहाइड्रेशन न हो.

मीठा खाने से बचें
पारंपरिक सर्गी में मिठाई शामिल होती है, लेकिन डायबिटिक महिलाओं को शक्कर वाली चीज़ों से बचना चाहिए.यदि ज़रूरी हो तो डॉक्टर से पूछकर शुगर-फ्री मिठाई का उपयोग कर सकती हैं.

व्रत के दौरान (दिनभर)

अत्यधिक मेहनत से बचें
दिनभर बहुत अधिक शारीरिक परिश्रम या थकावट वाले काम न करें. आराम करें और तनाव न लें.
ब्लड शुगर की निगरानी करें
अपने ब्लड शुगर लेवल को मॉनिटर करते रहें (यदि संभव हो तो).अगर अचानक कमजोरी, चक्कर, पसीना या थकावट लगे, तो व्रत तोड़ने से हिचकें नहीं. आपकी सेहत पहले है.
परिवार को जानकारी दें
घर के लोगों को बताएं कि आप डायबिटिक हैं और अगर तबीयत खराब हो तो कैसे मदद करनी है.

व्रत खोलते समय (चंद्र दर्शन के बाद)

धीरे-धीरे भोजन करें
व्रत खोलते ही भारी खाना या मिठाई न खाएं. सबसे पहले पानी या नारियल पानी लें.

संतुलित भोजन लें
हल्का और सुपाच्य खाना खाएं जैसे – खिचड़ी, दलिया, सब्ज़ी, दाल और सलाद.शक्कर वाले पेय या मिठाइयों से परहेज करें.

ब्लड शुगर चेक करें
खाना खाने के बाद शुगर लेवल जरूर जांचें और जरूरत अनुसार दवा लें.

जरूरी बातें याद रखें

1-व्रत का मकसद श्रद्धा और भावना है, न कि अपने शरीर पर अत्याचार करना.
2-अगर डॉक्टर मना करें या तबीयत साथ न दे, तो बिना भूखे रहे हुए सात्विक खान-पान और प्रार्थना से भी व्रत का पुण्य मिल सकता है.
3-आप चाहें तो “निर्जला” व्रत की जगह फलाहार व्रत रख सकती हैं — जिसमें दिन में थोड़े-थोड़े अंतराल पर फल, दही या नारियल पानी लिया जा सकता है.