अगर आप भी दिमाग को तरोताजा रखना चाहते है तो यह वाॅटरफाॅल जरुर घूम आइए. यहां आप कई एक्टिविटीज भी कर सकते हैं, यहां लक्ष्मण झूला, गंगा आरती, जंपिंग हाइट, त्रिवेणी घाट, राम झूला जैसी मजेदार जगहों पर आनंद उठा सकते हैं. आप सालभर में कभी भी यहां घूमने की प्लानिंग कर सकते हैं. इस बात का ध्यान रखें कि सूर्यास्त के बाद इस जगह पर न जाएं, क्योंकि ये क्षेत्र वन्यजीवों से घिरा हुआ है.
ऋषिकेश न सिर्फ अपने आध्यात्मिक मंदिरों के लिए जाना जाता है, बल्कि यहां एक ऐसा झरना भी है, जिसका नाम पटना रखा गया है. पटना वाटरफॉल एक लोकप्रिय झरना है, जहां प्रकृति प्रेमी सबसे ज्यादा जाना पसंद करते हैं. पटना वाटरफॉल न सिर्फ झरने के लिए बल्कि यहां आप कई एक्टिविटीज भी कर सकते हैं, जैसे लक्ष्मण झूला, गंगा आरती, जंपिंग हाइट, त्रिवेणी घाट, राम झूला जैसी मजेदार जगहों के लिए भी जाना जाता है.
इतना आता है टैक्सी का खर्च
आप भी सोच रहे होंगे इस झरने का नाम पटना वाटरफॉल कैसे पड़ा तो हम आपको बता दें इसका नाम पास में स्थित पटना गांव के नाम पर रखा गया है. ये गांव झरने के बगल में मौजूद चूना पत्थर की गुफाओं के लिए भी जाना जाता है. मानसून के दौरान वाटरफॉल के चारों ओर हरियाली इस जगह को जीवंत कर देती है. इस जगह के लिए टैक्सी किराए पर लेने पर 500 रुपए का खर्च आएगा. आप शेयरिंग टैक्सी करके भी ये विकल्प चुन सकते हैं. टैक्सी स्टैंड पर नीलकंठ मंदिर तक शेयरिंग टैक्सी का किराया आपको 100 रुपए से अधिक नहीं पड़ेगा.
ऐसे पहुंच सकते हैं पटना वाटरफॉल
पटना वाटरफॉल ऋषिकेश रेलवे स्टेशन से 13 किलोमीटर और लक्ष्मण झूला से 6.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. पटना जलप्रपात के पास पटना गांव है. यह नीलकंठ मंदिर मार्ग पर गरुड़ चट्टी वाटरफॉल से 3 किमी दूर स्थित है. झरने तक पहुंचने के लिए पर्यटकों को राजाजी राष्ट्रीय उद्यान में 1 किमी का ट्रेक करना पड़ता है. जॉली ग्रांट पास का हवाई अड्डा है, जो शहर ऋषिकेश से 20 किमी दूर स्थित है.
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