नींद एक व्यक्ति को जीवन के संघर्षों से मुक्ति दिलाने का स्त्रोत होती है. जब व्यक्ति थक जाता है, तो नींद ही उसे अगले दिन कार्य करने के लिए दोबारा तैयार करती है. बिना इसके, कई दिक्कतों और बीमारियों को हम अपने जीवन में आमंत्रित करते हैं. नींद ही हमारी ऊर्जा को नियंत्रित करती है. पर उस निंद्रा को कौन सा ग्रह नियंत्रित करता है?

नींद पर ग्रहों की भूमिका

ज्योतिष विद्या की बात करें, तो पहला खाना लग्न, चतुर्थ भाव यहीं चौथा खाना, अष्टम भाव यानी आठवां खाना और द्वादश भाव यानी बारहवां खाना ही नींद और शय्या के सुख के बारे में बताते हैं. शनि ग्रह को नींद का मुख्य ग्रह माना गया है. इसके अतिरिक्त, चन्द्रमा, शुक्र और बुध ग्रह नींद से जुड़े हुए हैं. कर्क, वृश्चिक और मीन राशि जल की राशियां होती हैं. ये भी निंद्रा की राशियां हैं. इसके साथ ही, वायु की राशियां, अर्थात मिथुन, तुला, कुंभ भी निंद्रा की ही राशियां हैं.

कब आती है अच्छी नींद?

शनि को निंद्रा का प्रमुख ग्रह माना गया है, इसलिए इस ग्रह के प्रधान रहने से अच्छी नींद आती है.

  • चन्द्रमा, शुक्र या बुध ग्रह के अच्छे स्थान पर होने से पूरी नींद आती है.
  • अष्टम भाव यानी आठवें खाने या केंद्र में शुभ ग्रहों के विद्यमान होने से भी निंद्रा अच्छी ही होती है.
  • यदि आपके कुंडली में जल तत्व मज़बूत या ज़्यादा मात्रा में हो, तो बुरी निंद्रा कम ही आती है.
  • कर्क, वृश्चिक मीन, मिथुन, तुला और कुंभ राशि वाले लोगों को सामान्य तौर पर बढ़िया नींद ही आती है. ऐसा बहुत कम होता है, कि ऐसे लोग अच्छे से ना सो पाएं.
  • अगर आपके घर के पास कोई जल श्रोत है या किसी भी प्रकार का जल स्त्रोत है, तो आप कई दफा अच्छे से सोते हैं. वह जल स्त्रोत कुआं, तालाब, नदी या समुद्र या और कुछ भी हो सकता है.

नींद लाने वाला नुस्खा

अश्वगंधा और सर्पगंधा बराबर मात्रा में पीस कर इसका चूर्ण बना लें.
रात को सोने से पहले चार से पांच ग्राम चूर्ण 1 गिलास पानी के साथ लें.
इस आयुर्वेदिक दवा से आपको अच्छी और गहरी नींद मिलेगी.

नींद लाने वाला मंत्र

रात को सोने से पहले इस मन्त्र का जप 11 या 21 बार करके सो जाए बुरे स्वप्न आना बंद हो जायेंगे. या देवी सर्वभूतेषु निद्रारूपेण संस्थिता. नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः.

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