नई दिल्ली. प्रदूषण के खिलाफ जंग में एक बार फिर दिल्ली में 10 साल से अधिक पुराने डीजल और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों को परिवहन विभाग ने जब्त करने का अभियान शुरू किया है. ऐसे वाहनों को जब्त कर उन्हें स्क्रैप कराने के लिए भेजा जा रहा है.

वाहन के मामले में अब दिल्ली वाले को सावधान होने की जरूरत है. अगर आपको अपनी पुरानी गाड़ी स्क्रैप में नहीं भेजनी है तो जल्द से जल्द उसे दूसरे राज्यों में ट्रांसफर करवा लें, क्योंकि दिल्ली सरकार और प्रदूषण से संबंधित कानूनों पर अमल करने वाली एजेंसियां अब पुराने गाड़ियों के चालकों पर और रहम करने के मूड में नहीं हैं.

दिल्ली परिवहन विभाग ने अपने इस अभियान को आगे बढ़ाते हुए अब गली-मोहल्लों की सड़कों पर पार्क पुराने वाहनों को जब्त कर स्क्रैप करने के लिए भेज रही है. ऐसे में अगर आप के पास भी ऐसा वाहन है जो अपनी तय मियाद पूरी कर चुका है और उसे आपने इलाके की गली या सड़क पर पार्क कर दिया है, तो आप खतरा मोल ले रहे हैं. परिवहन विभाग ने ऐसे वाहनों को उठाने के लिए भी दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं.

पुराने वाहनों को लेकर अब तक जो अभियान दिल्ली की प्रमुख सड़कों पर चल रहा था, उसे अब गली-मोहल्ले में भी शुरू किया जा रहा है. परिवहन विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि वे उम्र पूरी कर चुके अपने वाहन को स्क्रैप करा लें या संभव है तो दूसरे राज्यों में स्थानांतरित करा लें, सड़क या गली पर ऐसा वाहन मिला तो उठा लिया जाएगा. हालांकि, जिन्होंने अपने वाहन को अपनी जमीन पर पार्क कर रखा है, उनके वाहन नहीं उठाए जाएंगे.

पुराने वाहनों के खिलाफ कार्रवाई के तहत पिछले 2 दिनों में दिल्ली भर में 240 वाहन जब्त किए गए हैं. जब्त किए गए वाहनों में सबसे अधिक दक्षिणी दिल्ली से उठाए गए हैं

परिवहन विभाग के 29 मार्च को जारी आदेश के अनुसार एनसीआर की 4 कंपनियों को दिल्ली में वाहनों को स्क्रैप का काम करने की अनुमति दी गई है. इन कंपनियों को परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीमों के साथ अटैच किया गया है. इसमें भारत स्क्रैप फैसिलिटीज, ग्लोबल अल्टाट्रैक, भारत मोटर्स व मारुति सुजुकी टोयोट्स इंडिया लिमिटेड शामिल हैं. भारत स्क्रैप फैसिलिटीज को मध्य दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली और नई दिल्ली नगरपालिका एरिया दिया गया है. ग्लोबल अल्टा ट्रैक को सिविल लाइंस, करोलबाग, शाहदरा उत्तरी और शाहदरा दक्षिणी दिया गया है. भारत मोटर्स को नजफगढ़, पश्चिमी दिल्ली व दिल्ली कैंट दिया गया है. वहीं, मारुति सुजुकी टोयोट्सू इंडिया लिमिटेड को केशवपुरम, नरेला व रोहिणी इलाका 15 दिया गया है. इन कंपनियों ने वाहन उठा रहीं टीमों के साथ अपनी क्रेनें लगा रखी हैं जो उठाए जा रहे वाहनों को सीधे अपने वर्कशाप पर ले जा रही हैं और केंद्र सरकार द्वारा तय राशि का भुगतान वाहन के मॉडल के हिसाब से कर रही हैं.