अभी अप्रैल के महीने खत्म भी नही हुआ है और ऐसी धूप और गर्मी बढ़ गई है जैसे कि नवतपा के दौरान पड़ती है. इस साल ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कज बीते कुछ सालों की तुलना में बहुत ज्यादा गर्मी पड़ेगी. इस गर्मी में बच्चों बड़ों सभी को अपना बहुत ज्यादा ध्यान रखने कज जरूरत है क्योंकि ऐसी भयंकर गर्मी में तबियत बहुत जल्दी खराब होती है.हालांकि, अगर आप लू से जुड़े शारीरिक संकेतों यानी लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करते हैं तो इससे सुरक्षित रह सकते हैं.आइए आज हम आपको लू से जुड़े 5 सामान्य लक्षणों के बारे में बताते हैं. जिसके नजर आने पर तुरंत डॉक्टर के पास जा कर ऊँचीत इलाज लेना बहुत जरूरी है.

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शरीर का तापमान बढ़ना

104 डिग्री फारेनहाइट (40 डिग्री सेल्सियस) या उससे अधिक शरीर का तापमान बढ़ना लू लगने का एक सामान्य संकेत है और ऐसा होने पर हर किसी को चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए.शरीर के तापमान का पता लगाने के लिए थर्मामीटर का इस्तेमाल करें.यही नहीं, शरीर के उच्च तापमान की प्रतिक्रिया में हृदय की धड़कने भी तेज हो सकती हैं. इसलिए जब भी आपको ये लक्षण महसूस हो तो इसे सामान्य समस्या समझकर नजरअंदाज न करें.

तेजी से सांस लेना

लू लगने पर शरीर तेजी से सांस लेने लगता है.इसका कारण है कि शरीर ज्यादा तेजी से सांस लेकर खुद को ठंडा करने की कोशिश कर सकता है. जैसे-जैसे शरीर की तापमान बढ़ता है तो हृदय अत्याधिक तनाव में आ जाता है, जिसके कारण यह तेजी से पंप करते हुए शरीर को प्राकृतिक रूप से ठंडा रखने में मदद करता है. नतीजन, सांस लेने में कठिनाई या हाइपरवेंटिलेशन हो सकता है.

भ्रम या भटकाव महसूस करना

लू से सिर्फ हृदय स्वास्थ्य को ही नुकसान नहीं पहुंचता, बल्कि यह मस्तिष्क के कार्य को प्रभावित कर सकता है. इससे भ्रम, भटकाव और दौरे जैसी स्थितियों का भी सामना करना पड़ सकता है.एक्सर्शनल हीट स्ट्रोक यानी लू आपके केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को बाधित करता है, इसलिए एकाग्रता की कमी, भटकाव, क्रोध या चलने में असमर्थता प्रमुख चेतावनी संकेत हो सकते हैं.

सिरदर्द, चक्कर आना या बेहोश होना

लू की वजह से जब दिमाग को सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है तो आपको सिरदर्द, सिर घूमना या फिर बेहोशी जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है. अगर आपको कभी ये समस्याएं एकदम से महसूस हो तो सबसे पहले अपने किसी करीबी के पास जाए ताकि वह आपको सही समय पर डॉक्टर के पास ले जा सके और आपको इलाज मिल सके.

मतली या उल्टी होना

लू के कारण शरीर डिहाइड्रेट हो जाता है और गर्मी कई अंगों को प्रभावित करना शुरू कर देती है. इसके कारण मतली या उल्टी की समस्या हो सकती है. यही नहीं, लू से मांसपेशियों में ऐंठन या कमजोरी भी हो सकती है. इसे हीट क्रैम्प्स के रूप में भी जाना जाता है. जब आप अत्यधिक गर्मी में पसीना बहाते हैं तो आपको विशेष रूप से पैरों, बाहों या पेट में गंभीर ऐंठन हो सकती है.