हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में कपड़ा बाजार में इन दिनों एक अनोखी मुहिम चर्चा में है। रिटेल गारमेंट्स एसोसिएशन ने संकल्प लिया है कि वे अब अपनी दुकानों पर चीन और बांग्लादेश में बने कपड़े नहीं बेचेंगे। इस संकल्प को सार्वजनिक करते हुए व्यापारियों ने अपनी दुकानों पर बड़े-बड़े पोस्टर लगाए हैं, जिन पर लिखा है”हम चीन और बांग्लादेशी कपड़े नहीं बेचेंगे, यह हमारा संकल्प है।”

भगवान श्रीराम को लिखा सामूहिक पत्र

गौरतलब है कि एसोसिएशन ने न सिर्फ इस फैसले को प्रचारित किया है, बल्कि इसे धार्मिक आस्था से भी जोड़ा है। व्यापारियों ने भगवान श्रीराम को एक सामूहिक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने प्रार्थना की है कि इस राष्ट्रवादी संकल्प को निभाने के लिए उन्हें शक्ति और समर्थन मिले।

चीन-बांग्लादेशी कपड़े बेचने वालों पर लगेगा भारी जुर्माना

एसोसिएशन ने यह भी निर्णय लिया है कि यदि कोई व्यापारी इस नियम का उल्लंघन करता पाया गया, यानी चीन या बांग्लादेशी कपड़ों की बिक्री करता है, तो उस पर 1,11,111 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इस जुर्माने से एकत्र होने वाली पूरी राशि भारतीय सेना को समर्पित की जाएगी। व्यापारियों का कहना है कि यह कदम देशभक्ति की भावना से प्रेरित है और ‘वोकल फॉर लोकल’ मुहिम को भी मजबूती देगा।

देशहित में लिया गया निर्णय

इंदौर रिटेल गारमेंट्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि देश के जवान हमारी रक्षा के लिए सीमाओं पर खड़े हैं, ऐसे में हमारा दायित्व बनता है कि हम भी अपने व्यापारिक निर्णयों से देश को आर्थिक मजबूती दें। विदेशी उत्पादों पर निर्भरता कम करना और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देना इसी दिशा में एक प्रयास है। जिस तरह से पाकिस्तान ने हमारे ऊपर चीन से बने द्रोण से हमला किया था उन्हें इस चीन के समान का हम विरोध करते हैं एसोसिएशन ने शहर के सभी गारमेंट्स दुकानदारों और थोक विक्रेताओं से अपील की है कि वे इस संकल्प में सहभागी बनें और चीन तथा बांग्लादेश में बने वस्त्रों की बिक्री बंद करें।

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