आजकल पैर में काला धागा बांधना एक फैशन बन गया है. आपने कई महिलाओं, युवक-युवतियों को अपने पैरों या हाथों पर पतली काली डोरी या धागा बांधते हुए देखा होगा. हालाँकि, कुछ लोग अनजाने में इसे शौक के तौर पर अपने पैरों पर बांध लेते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पैरों पर काला धागा बांधना शुभ नहीं माना जाता है? अगर आप नहीं जानते कि हिंदू धर्म के अनुसार शरीर के किस अंग पर काला धागा बांधना उचित है.
सनातन धर्म के अनुसार काले धागे को रक्षा सूत्र कहा जाता है. ऐसे में पैरों में रक्षा सूत्र बांधना अशुभ होता है. जिससे नकारात्मक ऊर्जा कम होने की बजाय बढ़ने लगती है. पैरों में काला धागा बांधने से शनि की स्थिति खराब होती है. जब भी आप गले में काला धागा बांधें तो उसे यूं ही न पहन लें. ऐसा करने से भी बचें. इसमें किसी भी प्रकार का चांदी या रत्न का लॉकेट पहनें.
शरीर के किस अंग पर काला धागा बांधना चाहिए
बुरी नजर से बचने के लिए छोटे बच्चे और नवविवाहित जोड़े अक्सर अपने गले में काला धागा पहनते हैं. इस धागे को कमर में पहनना सर्वोत्तम माना जाता है. भगवान कृष्ण भी अपनी कमर में काला धागा पहनते थे. कमर पर काला धागा बांधने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है. बीमारियों का खतरा कम हो जाता है. कुंडली में शनि कमजोर ग्रह है इसलिए कमर पर काली टाई पहननी चाहिए. अगर कुंडली में शनि मजबूत हो जाए तो ऐसे लोगों को जीवन में खूब तरक्की मिलती है. काला धागा कमर, बायीं भुजा या गले में पहनना चाहिए.
काला धागा कब उतारें
आप इसे तब तक पहनना जारी रख सकते हैं जब तक कि यह ढीला होकर अपने आप टूट न जाए. इसे स्वयं हटाने का प्रयास न करें. यदि यह टूट जाए या खुल जाए तो इसे किसी पीपल के पेड़ के पास रख दें. आप दोबारा नया धागा बांध सकते हैं. काला धागा कोई भी व्यक्ति पहन सकता है.
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