अहमदाबाद. राज्य परिवहन आयुक्त ने आरयूपीडी बिना वाहनों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है. भारी ट्रकों, ट्रेलरों, हाईवा, सेमी-ट्रेलरों, आयशर आदि के पीछे रियर अंडर-राइड प्रोटेक्शन डिवाइस ( आरयूपीडी) लगाना अनिवार्य किया है.
आरटीओ को ऐसे वाहनों को पकड़ने का आदेश दिया गया है क्योंकि गुजरात में आरयूपीडी की कमी के कारण हर साल राजमार्गों पर 7000 लोगों की मौत हो जाती है. ट्रक, ट्रेलर, टेंपो समेत अन्य वाहनों के पीछे आरयूपीडी लगाना अनिवार्य है. राजमार्गों पर भारी मालवाहक वाहनों के पीछे कारों और छोटे यात्री वाहनों के दौड़ने के मामले बढ़ रहे हैं. आरटीओ अधिकारी के मुताबिक बिना आरयूपीडी वाले भारी वाहनों को गुजरने नहीं दिया जाएगा, अगर पुराने वाहनों के पीछे डिवाइस नहीं है तो उन्हें फिटनेस सर्टिफिकेट की जरूरत होगी. नहीं दिया जाएगा, ऐसे वाहनों को इंपाउंड कर रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा.
सरकार ने वाहन निर्माताओं से यह भी कहा है कि अगर उनके पास रियर अंडर-राइड प्रोटेक्शन डिवाइस नहीं है तो आरटीओ नए भारी मालवाहक वाहनों को पास नहीं करेगा. अशोक लेलैंड और टाटा मोटर्स ने आरयूपीडी उपकरणों के साथ नए भारी वाहनों की बिक्री की सूचना दी है. राज्य सरकार द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, इस तरह की घटनाओं में मौतों और चोटों की संख्या खतरनाक है क्योंकि यात्री वाहन भारी वाहनों के पीछे के हिस्से से टकराते हैं, जिससे यात्री कार के भारी फ्रेम के नीचे फिसलने से घातक चोटें आती हैं. यह रियर अंडर-राइड प्रोटेक्शन डिवाइस (आरयूपीडी) के अनुचित डिज़ाइन से संबंधित है. जो भारी वाहनों के पीछे लगे होते हैं.