नई दिल्ली। भारत में वैसे से तो बेहद सुंदर जगहे हैं. लेकिन भारत में एक ऐसा राज्य है जो सबसे ज्यादा अपनी ओर ध्यान खींचता है. वो है राजस्थान. राजस्थान में महलों और वीर-सपूतों की युद्ध भूमि देखी जा सकती है. राजस्थान एक ऐसा राज्य है जहां विदेशों से सबसे ज्यादा पर्यटक आते हैं और ऐतिहासिक किलों में घूमते हैं. इस राज्य में वैसे तो बहुत से महल और जगहे हैं जहां घूमा जा सकता है. लेकिन आज हम आपको 5 ऐसे किलों के बारे में बताएंगे जहां आप बार-बार आना चाहेंगे.
आमेर का किला, आमेर
महाराजा मानसिंह प्रथमने 1552 में आमेर किले (Amer Fort) का निर्माण करवाया गया था जिसे राजपूत शासकों के मुख्य निवास स्थान के रूप में इस्तेमाल में लिया जाता रहा था. यहां आपको शीश महल, शीला माता का मंदिर और जगत शिरोमणि मंदिर जैसे मशहूर दर्शनीय स्थल देखने को मिल जाएंगे. यह महल ऊंचे पर्वतों पर बना हुआ है.
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चित्तौड़गढ़ किला
चित्तौड़गढ़ किला भारत के सबसे बड़े किलों में से एक है. जिसे यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज साईट में शामिल किया है. इसे चित्रांगद मौर्य ने चित्रकूट पहाड़ी पर बनवाया था. इस किले में सबसे ज्यादा खूनी लड़ाइयां हुई हैं.
नाहरगढ़ किला
नाहरगढ़ किले को जयपुर शहर के संस्थापक महाराजा सवाई जय सिंह ने 1734 में अपनी रानियों के लिए बनवाया था. इसकी खास बात ये है कि इसपर इतिहास में कभी हमला नहीं हुआ. इसमें ‘रंग दे बसंती’ और ‘शुद्ध देसी रोमांस’ जैसी फिल्मों की शूटिंग हुई है।
इस महल को भूतिया महल के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि लोगों का मानना है कि इस किले में राजा का भूत रहता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां एकदम से तेज हवाएं चलने लगती हैं और कई बार दरबाजे के कांच टूट कर गिर जाते हैं. किले में जाने वाले लोगों को भी अजीब चीजें महसूस हुई हैं.
हवा महल
हवा महल को राजस्थान की सबसे प्राचीन इमारतों में से एक माना जाता है. जिसे “पैलेस ऑफ विंड्स” भी कहा जाता है. इसे महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने 1799 में बनवाया था. हवा महल गर्मियों से राहत पाने के लिए राजपूतों का खास ठिकाना था क्योंकि झरोखों से आने वाली ठंडी हवा पूरी इमारत को ठंडा रखती थी.
कुंभलगढ़ किला
कुंभलगढ़ किले का निर्माण महाराणा कुंभा ने 15वीं शताब्दी में 1443 में शुरू करवाया था और 1458 को यह किला बनकर तैयार हुआ. इसके अलावा, कुंभलगढ़ किले को एक समय पर अजयगढ़ के नाम से भी जाना चाहता था क्योंकि इस महान किले पर विजय पाना लगभग असंभव था. इस किले के चारों तरफ एक बड़ी दीवार बनी हुई थी जो ‘द ग्रेट वॉल ऑफ चाइना’ के बाद दुनिया की दूसरी सबसे लंबी दीवार है. इसे ‘द ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया’ के नाम से भी जाना चाहता है.
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