ग्रहों का मानव शरीर पर सीधा प्रभाव पड़ता है, इसलिए मानव जीवन में होने वाली बीमारियां, दुख और पीड़ा का सीधा संबंध ग्रहों से होता है. ऐसे ही टाइफाइड वैज्ञानिक दृष्टि से साल्मोनेला बैक्टीरिया के कारण होता है, टाइफाइड के लक्षणों में बुखार, भूख न लगना, सिरदर्द, थकान, उल्टी, गले में खराश, पेट में दर्द, वजन कम होना और कब्ज शामिल हैं. टाइफाइड विशेष रूप से मानव शरीर में आंतों को सबसे अधिक प्रभावित करता है. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो टाइफाइड आमतौर पर दो सप्ताह तक रहता है, लेकिन जब कि

सी व्यक्ति को यह रोग बार-बार होने लगे तो उसे अपनी कुंडली में ग्रहों को देखकर इसके उपचार के उपाय करने चाहिए.

ज्योतिष के अनुसार टाइफाइड रोग मंगल और राहु के कारण होता है, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल+राहु या केतु+शनि या चन्द्र+केतु की युति हो और शनि मेष राशि पर दृष्टि डाल रहा हो तथा लग्न और रोग भाव दूषित हो तो उसे भी टाइफाइड होने की संभावना बहुत अधिक होती है,

टाइफाइड रोग के ज्योतिष उपाय

  • सोमवार को शुभ मुहूर्त में आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करें.
  • सोमवार को काली उड़द, मसूर की दाल और सवा किलो चावल शिवलिंग पर स्पर्श कराकर दान करें.
  • मंगलवार के दिन भगवान गणेश के मंदिर में लाल चंदन, लाल वस्त्र, पंचपात्र और केसर का दान करें.
  • मंगलवार के दिन लाल गाय को 21 रोटियां, उबली हुई मसूर की दाल और गुड़ खिलाएं.
  • बुधवार को विकलांगों और बुजुर्गों को भोजन उपलब्ध कराएं.
  • बुधवार के दिन देवी सरस्वती को खीर का भोग लगाकर सफेद चुंदरी अर्पित करें.
  • गुरुवार को दत्त बावनी का पाठ करें.
  • शनिवार को काले कुत्ते को दूध और बिस्किट खिलाएं.
  • शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और उसकी 7 बार परिक्रमा करें.
  • अमावस्या के दिन नाग देवता के मंदिर में जाकर दूध और तलवट का प्रसाद चढ़ाएं.
  • अमावस्या के दिन संध्या के बाद शिव मंदिर में दीपदान करें.
  • शिव पूजा किसी भी माह के पंचांग में दर्शाए गए आर्द्रा, स्वाति और शततारका नक्षत्रों में की जानी चाहिए.