अजय शर्मा, भोपाल। 20 महीनों से विभाग को बिना बताए गायब रहे आईएफएस एम कालीदुरई के खिलाफ जांच शुरू हो गई है। वन विभाग के बल प्रमुख रमेश कुमार गुप्ता ने 3 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। दो गंभीर मामलों को लेकर अफसर के खिलाफ डिपार्टमेंटल इंक्वायरी के आदेश जारी हुए है। एपीपीसीएफ रैंक के दो अफसर सहित पीसीसीएफ कालीदुरई मामले की जांच करेंगे डिपार्टमेंटल इंक्वायरी में मेडिकल बोर्ड भी शामिल करने के लिए बल प्रमुख में दिए निर्देश।

बता दें कि आईएफएस एम कालीदुरई ने उद्यानिकी विभाग में रहते हुए करोड़ों रुपए का निजी कंपनी को काम दिया था। घोटाले की जांच के वक्त बिना बताए फरार हुये थे कालीदुरई। अखबारों में विज्ञापन देने की नौबत आने के बाद अफसर प्रगट हुए थे।

विभागीय अफसरों पर भड़के वन मंत्री, सालों से ऑडिट नहीं कराने को लेकर लगाई फटकार

वन विभाग की समीक्षा बैठक में अफसरों पर भड़के वन मंत्री विजय शाह। सालों से ऑडिट नहीं कराने को लेकर अफसरों को जमकर फटकार लगाई  है। मैदानी ऑफिसों में कई सालों से आडिट का काम लंबित पड़ा है। बल प्रमुख आरके गुप्ता को दिए निर्देश, कहा – 1 महीने के अंदर पूरे प्रदेशभर में वन विभाग के दफ्तरों में कराया जाए ऑडिट।

अफसरों ने लेखा परीक्षण के लिए कर्मचारियों की कमी बताई है। मंत्रालय में विभागीय समन्वय बैठक में अफसरों की गैरमौजूदगी को लेकर भी नाराज हुए वन मंत्री। वन मंत्री ने वन विभाग के मुख्यालय सहित मैदानी कार्यालयों में महालेखाकार के दल और कोष एवं लेखा द्वारा उठाई गई आपत्तियों के निराकरण कार्य में धीमी कार्यवाही पर सख्त ऐतराज जताया है। शाह ने स्पष्ट निर्देश दिये कि विभाग में प्रचलित वर्तमान व्यवस्था को समाप्त कर विभागीय निर्माण कार्य और सामग्री खरीदी को ई-टेन्डरिंग के माध्यम से ही कार्य कराया जाना सुनिश्चित किया जाए।

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