चंद्रकांत देवांगन, दुर्ग. चिटफण्ड कंपनियों के एजेंटो द्वारा भोले-भाले गरीब जनता को कम समय में धन दोगुना करने का लालच देकर पैसा निवेश कराया जाता है, लेकिन राशि दुगना होने की समय सीमा पूरा होने के पहले ही ये कंपनियों अपना दफ्तर बन्द कर फरार हो जाती है. जिसके बाद पीड़ितो द्वारा थानें में शिकायत की जाती है. ऐसे ही कई मामले दुर्ग के थानों में दर्ज है जिसके आरोपी आज भी पुलिस की​ गिरफ्त से दूर है.

इन्हीं आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अब पुलिस जल्द ही मुहिम चलाने जा रही है. जिसके लिए दुर्ग आईजी जीपी सिंह ने आज एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई. जिसमें चिटफण्ड कंपनियों के विरूद्ध दुर्ग जिले में पंजीबद्ध लंबित अपराधों की समीक्षा की गई. समीक्षा के दौरान जिले में चिटफण्ड कंपनियों के संबंध में लगभग 25 प्रकरण लंबित पाए गए हैं. जिन्हें सुनियोजित तरीके से कार्यवाही करने के निर्देश आईजी जीपी सिंह ने दिया है.

बैठक के दौरान आईजी ने चिटफण्ड कंपनियों में संलिप्त मुख्य आरोपियों के खिलाफ तत्काल लुक-आॅउट नोटिस एवं रेड-काॅर्नर नोटिस जारी करने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिये गये है. साथ ही ऐसे आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए आईजी ने आयकर डिटेल्स, बैंक डिटेल्स, प्रापर्टी प्रोफाईल एवं फैमिली प्रोफाईल को आधार बनाकर सायबर सपोर्ट एवं सायबर ट्रैकिंग मदद लेने की सलाह दी है.

आईजी ने पुलिस ​अधिकारियों को संबंधित कंपनियों के सीए से जानकारी लेकर कंपनी के बैलेंश-शीट, निवेश, अर्जित चल-अचल संपत्ति की जानकारी प्राप्त करने कहा है. जिसके बाद जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर ऐसी चल-अचल संपत्तियों की कुर्की संबंधी कार्यवाही की जा सके. जिससे निवेशकों को राहत मिल सके.

आईजी ने चिटफण्ड कंपनी के लंबित प्रकरणों में फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए राजपत्रित अधिकारी को नोडल बनाकर एक विशेष टीम गठित करने और लंबित प्रकरणों पर समयबद्ध तरीके से न्यायालय में चालान प्रस्तूत करने के निर्देशित दिये है.