रायपुर। एडिटर्स गिल्ड के सदस्य और बीबीसी के पूर्व पत्रकार विनोद वर्मा की गिरफ्तारी के मामले में रायपुर आईजी प्रदीप गुप्ता और एसपी संजीव शुक्ला ने संयुक्त रुप से प्रेस वार्ता ली। प्रेस वार्ता में एसपी संजीव शुक्ला ने कहा कि प्रार्थी प्रकाश बजाज की शिकायत पर कार्रवाई की गई है. उन्होंने कहा कि विनोद वर्मा के ऊपर ब्लैकमेलिंग का आरोप है.
आईजी प्रदीप गुप्ता ने मामले का खुलासा करते हुए कहा कि जो 500 सीडी बरामद हुई है वो एक व्यक्ति की है. मानहानि से जुड़ा मामला था इसलिए तत्काल कार्रवाई की. उन्होने बताया कि वहां पुलिस पहले से पहुंची थी. जाते ही विनोद वर्मा पुलिस को मिल गए. आईजी ने बताया कि एफआईआर गुरुवार दोपहर 2 बजे हुई थी.
शिकायतकर्ता प्रकाश बजाज को लैंडलाइन से फोन आया था था. फोन किसने किया था इसकी जांच हो रही है. दुकानदार के बताने पर विनोद वर्मा की गिरफ्तारी हुई है. दुकानदार की गिरफ्तारी नहीं हुई है. यह पूरी कार्रवाई गाजियाबाद और दिल्ली पुलिस की मदद से रायपुर पुलिस ने की.
पुलिस कार्रवाई को लेकर सवाल
छत्तीसगढ़ पुलिस की यह कार्रवाई कई सवालों को जन्म दे रही है. रिपोर्ट दर्ज करने के महज कुछ घंटों में ही पुलिस ने यह कार्रवाई की है. यह पहला मौका है जब पुलिस ने इतनी तेजी से कार्रवाई की है. जिस दुकानदार के पास सीडी बनवाई गई पुलिस ने उसे क्यों गिरफ्तार नहीं किया. सवाल यह भी है कि ब्लैकमेलिंग के लिए कोई 500 सीडी क्यों बनवाएगा. क्या एक सीडी ही ब्लैकमेलिंग के लिए काफी नहीं है. पुलिस की इतनी तेज कार्रवाई के पीछे किसका हाथ है. जिस अश्लील सीडी की बात की जा रही है क्या वो छत्तीसगढ़ के किसी केबिनेट मंत्री की सीडी है. क्या पुलिस राजनैतिक दबाव में कार्रवाई को लेकर इतनी फुर्ती दिखाई. सारे सवालों का जवाब अभी आना बाकी है.