नितिन नामदेव, रायपुर. राजधानी रायपुर में IIT भिलाई और कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) के तत्वाधान में विजन विकसित भारत 2047 पर इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव आयोजित की गया. इस कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए और प्रदेश की नई उद्योग नीति, निवेश संभावनाओं और तकनीकी विकास पर अपने विचार रखे.

छत्तीसगढ़ को मिले 4.5 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव

कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए CM विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की नई उद्योग नीति के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि हाल ही में दिल्ली और मुंबई में आयोजित इन्वेस्टर्स कनेक्ट मीट में राज्य को 1 लाख 27 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जबकि बेंगलुरु में 3,700 करोड़ रुपये के निवेश का MOU साइन किया गया. कुल मिलाकर अब तक 4.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जिनमें से 3 लाख करोड़ रुपये का निवेश तय माना जा रहा है.

उन्होंने कहा कि इन निवेश प्रस्तावों से प्रदेश में व्यापक स्तर पर रोजगार के नए अवसर मुहैया होंगे. इसके अलावा, फॉरेस्ट प्रोड्यूस को लेकर भी कॉन्क्लेव आयोजित किया गया है. हमें इस तरह के कॉन्क्लेव से रिजल्ट चाहिए. खाली कोरम पूरा करने वाला सेमिनार नहीं चाहिए.

तकनीक अपनाना जरूरी, IIT भिलाई से लें सहयोग – CM साय

मुख्यमंत्री साय ने तकनीकी विकास पर जोर देते हुए कहा कि समय के साथ नई तकनीक अपनाना बेहद जरूरी है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि नोकिया जैसी बड़ी मोबाइल कंपनी समय के साथ अपडेट नहीं हो पाई और बाजार से बाहर हो गई. उन्होंने कहा कि IIT भिलाई आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है, जिसका लाभ सभी को उठाना चाहिए.

छत्तीसगढ़ का उद्योग और संसाधनों में बड़ा योगदान – CM साय

अपने उद्बोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का एक समृद्ध राज्य है, जहां निवेश की असीम संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश खनिज संपदा से भरपूर है, यहां आयरन, कोयला, सोना और हीरे के विशाल भंडार हैं. राज्य का 40% हिस्सा वन क्षेत्र से आच्छादित है, जिससे वन उपज उद्योग को बढ़ावा मिल सकता है. छत्तीसगढ़ के मेहनत-कश किसान और श्रमिक देश के आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभाते हैं. राज्य सरकार ने “विकसित छत्तीसगढ़ 2047” विज़न डॉक्यूमेंट तैयार किया है, जिसमें व्यापक सलाह-मशवरा कर तैयार किया गया है.