शब्बीर अहमद, भोपाल। अवैध हथियारों की तस्करी करने वाले अंतरराजीय गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। क्राइम ब्रांच पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से तीन देसी पिस्टल और जिन्दा राउंड बरामद हुआ है। भोपाल के अलावा अन्य राज्यों में भी हथियारों की तस्करी करते थे। तीनों आरोपी भोपाल के हिस्ट्रीशीटर बदमाश है। आरोपियों से पूछताछ में और खुलासे की उम्मीद है।

एनके भटेले, भिंड। परिवार की सुरक्षा के मामले में महिलाएं पुरुषों से पीछे नहीं है। जिले में 150 से अधिक (हथियार) आर्म्स लाइसेंस महिलाओं के नाम पर है। चंबल क्षेत्र में लाइसेंसी बंदूक टांगे यदा-कदा महिलाएं भी दिखती हैं। चंबल की पहचान आज भी बीहड़, हथियार और बंदूक से होती है। पुरुषों के हाथों में रायफल यहा कोई बड़ी बात नहीं है।लेकिन आत्मरक्षा के लिए अब अंचल की महिलाएं भी बन्दूकें थामने लगी हैं। अब तक जो महिलाएं परिवार संभालती थीं वे अब चूल्हा चौका वाली छवि को दरकिनार कर परिवार की रक्षा का जिम्मा भी उठा रही हैं।

भिंड जिले में बीते कुछ वर्षों में कई महिलाओं ने आर्म्स लाइसेंस लिए हैं। साथ ही बंदूकें भी। जिले में अटेर क्षेत्र में रहने वाली नीरज जोशी हाल ही में कंधे पर बंदूक टांगे कलेक्ट्रेट में नजर आईं। इस तरह की तस्वीर दिखना किसी भी जिले में आम बात नहीं है।नीरज जोशी ने लल्लूराम डॉट काम को बताया कि, चार साल पहले उनके पति का देहांत हो गया था। घर में बुज़ुर्ग सास ससुर और तीन बच्चे हैं। वे चंबल के उस बीहड़ इलाके से हैं जहां कभी डकैतों का मूवमेंट हुआ करता था। समय के साथ बदलाव तो हुआ है।

लेकिन आज भी उनके गांव में लड़ाई झगड़े विवाद की स्थिति कभी भी बन जाती है। इसके अलावा गुंडे बदमाशों का भी डर बना रहता है।पति के इस दुनिया में न होने से अब बच्चों और सास ससुर की सुरक्षा की जिम्मेदारी वे खुद उठा रही है। इसी के चलते उन्होंने इसी साल आर्म्स लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। लाइसेंस बनवाने के बाद लाइसेंसी बंदूक और एम्युनिशन भी खरीदे है। जिससे जरूरत पड़ने पर इसका इस्तेमाल अपनों को सुरक्षित रखने के लिए किया जा सके।

जिले में नीरज अकेली महिला नहीं है इनके अलावा भी 4-5 महिलाओं ने लाइसेंस के लिए आवेदन किया है जो अभी प्रोसेस में हैं। यानी आने वाले दिनों में इन महिलाओं के हाथों में भी बंदूक देखी जा सकती है। जिले आर्म्स शाखा प्रभारी और अपर कलेक्टर प्रवीण कुमार फुलपगारे ने बताया कि वर्तमान में जिले में करीब 23,500 लाइसेंस आवंटित हैं। जिनमें रायफल, पिस्टल आदि शामिल हैं। ज्यादातर लाइसेंसधारी समूह पुरुष वर्ग का है। लेकिन इनमें 140 लाइसेंस महिलाओं के नाम दर्ज हैं।

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